साल 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले हो रहे विधानसभा चुनावों ने हर पार्टी के भीतर असंतुष्ट कार्यकर्ताओं की रार को सतह पर ला दिया है।
टिकट कटने से नाराज नेता और कार्यकर्ताओं के इस्तीफे और दल बदलने की खबरें भी खूब आ रही हैं।
राजस्थान में कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष निजाम कुरैशी ने विधानसभा चुनाव में मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट न देने से नाराज होकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
अध्यक्ष निजाम कुरैशी के समर्थन में राज्य के 35 जिलों के जिलाध्यक्षों ने भी इस्तीफा दे दिया है। अब ये कयास लगाया जा रहा है कि निजाम अपनी टीम सहित भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
पार्टी से इस्तीफा देने के बाद निजाम कुरैशी के तेवर बगावती हो गए हैं। उन्होंने स्थानीय मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस अब कार्यकर्ताओं की पार्टी नहीं रह गई है। टिकट पैसे लेकर बांटे गए हैं। टिकट वितरण में मुस्लिमों की अनदेखी की गई है।
वहीं बीजेपी के बारे में सवाल पूछे जाने और भविष्य की संभावनाओं के बारे में बात करते हुए कुरैशी ने कहा कि मुस्लिमों को अब बीजेपी से परहेज नहीं है।
निजाम कुरैशी के इस्तीफे के बाद ही निजाम कुरैशी के इस्तीफे के समर्थन में राजस्थान के 35 जिलों में कांग्रेस की अल्पसंख्यक इकाई के जिलाध्यक्षों ने इस्तीफा दे दिया है।
निजाम कुरैशी ने टिकट बंटवारे में मुस्लिम समाज की अनदेखी के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को जिम्मेदार बताया है। कुरैशी का आरोप है कि टिकट बांटने से पहले मुस्लिम समुदाय के साथ कोई भी बातचीत नहीं की है।
बता दें कि राजस्थान की कांग्रेस कमिटी ने अब तक 184 सीटों पर उम्मीदवारों का नाम घोषित कर दिया है। कांग्रेस की अपनी पहली लिस्ट में कुल 152 सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा की गई थी।
पहली लिस्ट में 29 एससी, 24 एसटी, ब्राह्मण और वैश्य 20, राजपूत 13, जाट 23 और 9 मुस्लिम थे। इसके अलावा 20 महिलाए और 46 नए चेहरे भी शामिल थे।
जबकि दूसरी लिस्ट में 15 उम्मीदवार ऐसे थे, जिनके परिवार के लोग पार्टी के बड़े नेता हैं। कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में 32 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया था।
इसी लिस्ट में भाजपा से टूटकर कांग्रेस में गए मानवेन्द्र सिंह का नाम भी शामिल किया गया था। कांग्रेस, मानवेंद्र सिंह को झालरापाटन सीट से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ चुनाव लड़वा रही है।