गोवा के अपशिष्ट प्रबंधन मंत्री माइकल लोबो का दावा है कि प्रदेश में मौजूद आवारा मवेशी अब शाकाहारी से मांसाहारी बन गए हैं। उन्होंने यह बात गौशालाओं में लाए जा रहे आवारा मवेशियों के संबंध में कही। उन्होंने कहा कि मवेशियों में इसकी आदत विकसित हो गई है। लोगों का खाना खाने के बाद बचे हुए मुर्गे और तली मछलियों के टुकड़ों को कचरे में फेंकना इसके पीछे की वजह है।
मंत्री लोबो ने रविवार को उत्तरी गोवा के अरपोरा गांव में समारोह के दौरान दावा करते हुए कहा कि पिछले दिनों करीब 76 मवेशियों को कैलंगुट क्षेत्र से गौशाला में लाया गया था। जहां उनकी देखभाल की जा रही है। ऐसा देखा गया कि लाए गए मवेशी मांसाहारी हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि यह आवारा मवेशी अब घास नहीं खाते, न चने खाते हैं और न ही उन्हें दिया गया विशेष चारा ही खाते हैं। कैलंगुट और कैंडोलिम क्षेत्र में रेस्तरां आदि से निकलने वाले कचरे में पड़े चिकन और तली मछली के टुकड़ों को खाने की वजह से यह मवेशी अब मांसाहार के आदि हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि हम हमेशा कहते हैं कि मवेशी शाकाहारी हैं। लेकिन, कैलंगुट के मवेशी मांसाहारी हैं। गौशाला के संचालक इन दिनों इसी समस्या का सामना कर रहे हैं। ऐसे में गौशाला संचालकों ने इन पशुओं के इलाज के लिए पशु चिकित्सकों से मदद भी मांगी है।