राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवाओं को ज्ञानवान और कर्मवान बनायेगी : उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा का 10वां दीक्षांत समारोह
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि हर विद्यार्थी सदैव सत्य बोले और धर्म के अनुसार आचरण करे, तभी सबका जीवन मंगलमय होगा। विद्यार्थियों को सामाजिक समरसता के भाव को जीवन में उतारने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का काम डिग्री प्रदान करना मात्र नहीं है, बल्कि युवाओं को देश की एकता, अखण्डता, राष्ट्र निर्माण और विकास का कर्णधार बनाना है। राज्यपाल रीवा के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। देश को आजाद कराने में अनेक वीर और शहीदों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है। नई पीढ़ी को इन बलिदानियों के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिये। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की स्मारिका ‘दीक्षा पर्व’, पुस्तिका ‘विंध्य भारती’, राष्ट्रीय शिक्षा नीति तथा जनजातीय रूपांकन कला पुस्तिका का विमोचन किया।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति के स्थान पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है। यह नीति विद्यार्थियों को ज्ञानवान के साथ कर्मवान बनायेगी। उन्होंने कहा कि हम शिक्षा की ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं, जिसमें ज्ञान, रोजगार के अवसर और संस्कार मिलेंगे।
समारोह में स्वामी परमात्मानंद सरस्वती ने कहा कि शिक्षा केवल जानकारी पर आधारित नहीं होनी चाहिये। शिक्षा हमें आजीविका का अवसर देने के साथ जीने की कला भी सिखाये।
राज्यपाल श्री पटेल ने विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों को पदक और उपाधियाँ प्रदान की। उन्होंने विंध्य के गौरव वाइस एडमिरल श्री दिनेश कुमार त्रिपाठी को डी.एस.सी. की मानद उपाधि और समाज-सेविका सुश्री अनुराधा शर्मा को मानद डी.लिट की उपाधि प्रदान की।