हरदा- मध्यप्रदेश के हरदा में बुधवार 6 अप्रैल को फायर ब्रिगेड टक्कर में मृत युवक के मामले में नया मोड़ आ गया है। आज दोपहर जब नगर पालिका का ड्राइवर झाड़े से पूछा कि आखिर किस मज़बूरी के चलते इलज़ाम आपने अपने सिर लिया। झाडे ने कहा वो (वाहन चालक ) मेरा पडोसी है। उसके छोटे बच्चे हैं। मानवता के चलते मैंने ये ज़ुर्म अपने नाम लिया है। अगर भादुकुमार झाडे की इस बात पर यकीन किया जाये तो आपको इस बात को भी मानना होगा कि दुर्घटना के दो दिन बाद नपा ने पुलिस को वाहन चालक झाडे होने की जो जानकारी दी। वो किस हद तक सत्य होगी। ये जांच का विषय है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने भी वास्तवविकता जानने के बाद कार्रवाई की बात कही है।
सिर उठाते सवाल –
इस पूरे मामले में कई सवाल अनुतरित्त हैं। दुर्घटना के समय यदि झाडे वाहन चला रहे थे तो युवक की मौत के बाद वो पुलिस के पत्र लिखने और नपा के जवाब देने तक कहाँ थे। मालूम हो नपा के पत्र के बाद पुलिस ने झाडे पर प्रकरण दर्ज किया है।
हंडिया पुलिस सूत्रो के अनुसार दुर्घटना के दिन भादूकुमार झाडे हेल्पर फिरोज के साथ अमावस्या की ड्यूटी पर थे। वे नए फायर ब्रिगेड वाहन के साथ वहाँ थे।
वे दोनों वहां से कब हरदा आये। इस दौरान मोबाइल टावर लोकेशन क्या थी। किन लोगो से मोबाइल पर बात की। कॉल डिटेल से राजफाश हो सकता है।
हरदा कण्ट्रोल रूम (पुलिस ) की दीवार पर चस्पा कागजी जानकारी में हरदा फायर स्टेशन की जानकारी में शरीफ का नाम व् मोबाइल ही क्यों लिखा है जबकि झाडे पुराने अनुभवी चालक हैं। ये वही शरीफ हैं जो झाडे के पडोसी हैं। बायपास रोड के पास जहाँ दुर्घटना घटी। पुलिस ने वहां पूछताछ की या नहीं। ये भी जनचर्चा का विषय बना।
अखबार के हवाले से पुलिस ने पहले दिन अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करने संबंधी न्यूज़ चर्चा में रही थी। फायर ब्रिगेड की सम्बंधित गाडी के फिटनेस, बीमा, लॉगबुक आदि की जांच हुयी या नहीं।
बहरहाल, इस पुरे मामले में जांच में जो भी सच्चाई सामने आये सलूजा परिवार के चिराग को दमकल ने हमेशा के लिए बुझा दिया। देखना यह है कि ज़िम्मेदार अधिकारी कैसे इस पहेली को सुलझाते हैं।
किरनलता केरकेट्टा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का कहना है – मामले की वास्तविकता की जांच कर कार्रवाई की जावेगी।