मेरठ- उत्तर प्रदेश के मेरठ में छात्रों को वाई-फाई सुविधा दिए जाने पर पोर्न की नज़र लग गई जिसके कारण 30 दिन के लिए वाई-फाई बंद कर दिया गया है। पोर्न वेबसाइट के यूजर्स के कारण विवि ने यह कदम उठाया है। सर्वे के अनुसार 1.7 प्रतिशत इंटरनेट ही छात्र शैक्षिक तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। करीब 80 प्रतिशत छात्र पोर्न वेबसाइट देख रहे हैं। बाकी स्टूडेंट्स सोशल साइटों का प्रयोग कर रहे हैं।
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विवि ने शोध एवं पाठ्यक्रम से जुड़ी शैक्षिक सामग्री की आसान उपलब्धता कराने के उद्देश्य से इंटरनेट सेवा शुरू की थी। लेकिन छात्रों ने इसका गलत उपयोग शुरू कर दिया।
अभी तक विवि में वाई-फाई के इस्तेमाल को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं था, जिस कारण से विवि में आने वाला हर कोई पासवर्ड डालकर किसी भी वेबसाइट को खोल सकता था और डाउन लोडिंग कर सकता है।
इसका नतीजा यह हुआ कि जिस मकसद के लिए विवि ने वाई-फाई की सेवा शुरू की थी वह फेल हो गया। पोर्न वेबसाइट से डाउन लोडिंग, सोशल साइट का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हुआ। इंटरनेट से गाने, मूवी भी छात्रों ने धड़ल्ले से डाउनलोड कीं।
पिछले दिनों भी वाई-फाई के गलत इस्तेमाल का मामला उठाया गया था। तब विवि ने नैक निरीक्षण के कारण यह सुविधा बंद नहीं की थी। निरीक्षण के बाद विवि ने इंटरनेट सेवा को लेकर सर्वे कराया। इसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
पोर्न साइट के तौर पर करीब 80 फीसदी इंटरनेट का प्रयोग किया गया। गाने, मूवी डाउनलोडिंग भी खूब हुई। विवि ने फैसला लिया कि इंटरनेट सेवा के इस्तेमाल पर कुछ प्रतिबंध लगाने होंगे। इसी कड़ी में बुधवार को कुलसचिव की तरफ से इंटरनेट सेवा को बंद करना का आदेश जारी किया गया।
शैक्षिक सत्र 2016-17 से बेहतर सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। पोर्न साइड को ब्लॉक कर दिया जाएगा। इसके साथ ही चुनिंदा सोशल साइट ही खोलने की इजाजत होगी, जो 24 घंटे में कुछ ही समय के लिए एक मोबाइल, टैब या फिर लैपटॉप पर खुल पाएगी। इस तरह की तमाम कंडीशन वाई-फाई यूज के लिए बनाने की तैयारी है।
मेंटीनेंस के चलते वाई-फाई की सुविधा बंद की जा रही है। कुछ समय बाद यह शुरू कर दी जाएगी। छात्र साइट का गलत इस्तेमाल अधिक कर रहे हैं।
– दीपचंद, रजिस्ट्रार सीसीएसयू [/expand]