नई दिल्ली- नोटबंदी के बाद पैसे बदलवाने को लेकर कई पुलिसकर्मियों की संदिग्ध भूमिका सामने आ चुकी है। ऐसा ही एक मामला तिलकनगर थाना क्षेत्र में देखने को मिला, जिसमें दिल्ली पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर ने 18 लाख रुपये के पुराने नोट लिए और उसे बदल कर देने की बात कही। लेकिन बाद में सभी पैसे अपने साथियों के साथ मिलकर डकार लिए।
तिलक नगर थाना पुलिस ने सब इंस्पेक्टर सुधीर राठी सहित चार लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है। सुधीर वर्ष 2008 में सेना से सेवानिवृत्त होकर दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ। गिरफ्तार अन्य आरोपियों में रणविजय, अंकुर व रोहित शामिल है। इस मामले में पुलिस दो महिलाओं की भी तलाश में जुटी है। अभी तक आरोपियों के पास से करीब पांच लाख रुपये बरामद किए जा चुके हैं।
पुलिस के मुताबिक बिहार के सुपौल का रहने वाला कपड़ा कारोबारी मो. सैफुद्दीन काम के सिलसिले में सात नवंबर को दिल्ली के तिलक नगर अपने रिश्तेदार मो. अमानतुल्लाह के पास आया था। सैफुद्दीन के पास करीब 18 लाख रुपये थे। इस बीच आठ नवंबर को देश में नोटबंदी की घोषणा हो गई।
सैफुद्दीन ने पार्टी को पुराने नोट से पेमेंट करने की कोशिश की, लेकिन पार्टी ने उसके पुराने नोट लेने से मना कर दिया। नोटबंदी से सैफुद्दीन काफी परेशान हुआ। इस बीच उसके रिश्तेदार ने शैलेंद्र सिंह उर्फ सोनू से उसकी मुलाकात करवाई। सोनू का दावा था कि उसकी बहन बैंक में मैनेजर है, सोनू ने पायल व मोनू नामक दो महिलाओं से उसे मिलवाया। बाद में 30 फीसद कमीशन पर सौदा हो गया।
सैफुद्दीन ने 17 नवंबर को 18 लाख रुपये शैलेंद्र को दे दिए। शैलेंद्र आजकल में रुपये देने की बात करने लगा। शैलेंद्र पर शक होने पर सैफुद्दीन ने 22 नवंबर को तिलक नगर थाने में उसकी शिकायत कर दी। पुलिस ने शैलेंद्र, पायल व मोनू को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि उन्होंने भी कमीशन पर आगे रुपये रणविजय व अंकुर नामक आरोपियों को दिए है। रणविजय व अंकुर को दबोचने के बाद पता चला कि नोट बदलवाने में दिल्ली पुलिस का एसआइ शामिल है। जांच आगे बढ़ी तो सुधीर राठी और उसके दोस्त रोहित का नाम सामने आया। पुलिस ने सुधीर राठी व रोहित को दबोच लिया। आरोपियों के पास से पाच लाख रुपये बरामद कर लिये गए है।