अक्सर चर्चा में रहने वाले भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी एक बार फिर चर्चा में हैं।
दरअसल एक कार्यक्रम के दौरान सुब्रमण्यन स्वामी ने यह कहकर सभी को चौंका दिया है कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस की हत्या में पूर्व रूसी राष्ट्रपति जोसेफ स्टालिन और देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की अहम भूमिका थी।
त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में सांस्कृतिक गौरव संस्था के एक कार्यक्रम में बोलते हुए स्वामी ने यह बयान दिया। गौरतलब है कि सुब्रमण्यन स्वामी का ताजा बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत के पुराने सहयोगी रुस का झुकाव चीन-पाकिस्तान की तरफ हो रहा है।
भारत सरकार रूस के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने में जुटी है, वहीं स्वामी के जोसेफ स्टालिन के नेताजी की हत्या में शामिल होने की बात कहकर भारत सरकार की कोशिशों को झटका लग सकता है।
अमर उजाला की एक खबर के अनुसार, कार्यक्रम के दौरान स्वामी ने कहा कि नेताजी की मौत साल 1945 में हवाई जहाज गिरने से नहीं हुई थी बल्कि यह झूठ है।
स्वामी ने कहा कि हवाई दुर्घटना में बचने के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने वामपंथी रुझान वाले देश रुस में शरण ली। पंडित नेहरु को बोस के रुस में शरण लेने की जानकारी थी। यहीं पर बाद में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को साजिश के तहत कत्ल कर दिया गया था।
सुब्रमण्यन स्वामी ने ये भी दावा किया कि देश को आजादी नेताजी के कारण ही मिली थी। स्वामी ने बताया कि देश को आजादी नेताजी द्वारा 75 साल पहले आजाद हिंद फौज का गठन करने के कारण मिली। अपनी बात को समझाते हुए स्वामी ने कहा कि साल 1948 में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटलिस भारत दौरे पर आए थे।
ब्रिटिश पीएम ने तब स्वीकार किया था कि ब्रिटिश उपनिवेशवादियों के मुकाबले भारतीयों की संख्या काफी ज्यादा है और यदि सभी भारतीय ब्रिटिश राज के खिलाफ हथियार उठा लेंगे तो उनसे निपटना बेहद कठिन होगा।
स्वामी ने कहा कि ब्रिटिश पीएम ने तब स्वीकार किया था कि उन्हें बोस द्वारा आजाद हिंद फौज का गठन करने के बाद इस बात का एहसास हुआ था।