यूं तो वैवाहिक जीवन ही समझौते का दूसरा नाम है किंतु जहां पति-पत्नी दोनों करियर ओरिएंटेड हैं, वहां यह जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। कुछ दशक पहले तब जब स्त्री-पुरुष दोनों अपनी एक निर्धारित सीमा के अंदर कार्य करते थे तो इस तरह की समस्याएं अमूमन नहीं के बराबर थीं। पति परिवार के लिये धन उपार्जन करता था और पत्नी पति की देखभाल करती और घर को संभालती थी।
किंतु आज जब समय और परिस्थिति की मांग के चलते स्त्रियां भी परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी उठा रही हैं तो ऐसे में घर-परिवार के रख-रखाव और व्यवस्था में कुछ कमी तो आएगी ही। इस सच को पति-पत्नी दोनों को स्वीकार करना चाहिए। आज करियर को छोड़ना बहुत मुश्किल है किंतु करियर के लिए दांपत्य को दांव पर लगाना महंगा पड़ सकता है। किंतु पति-पत्नी यदि खुले दिमाग से, एक-दूसरे के साथ विचार-विमर्श करके कुछ ठोस कदम उठाएं, तो वे अपने करियर और दांपत्य दोनों को बनाए रख कर एक खुशहाल जीवन जी सकते हैं। आज पति-पत्नी के लिए जरूरी हैं ये बातें-
1. दोनों में से कोई एक जब अपने करियर के लिए अपने परिवार को अनदेखा करने लगे तो दूसरे को चुपचाप कुढ़ने के बजाय खुल कर बात करनी चाहिए। एक मनोवैज्ञानिक के अनुसार- सबसे खतरनाक और समाधान रहित समस्याएं वही होती हैं, जिन्हें हम अपने तक सीमित रखते हैं।
2.-अपनी शिकायतें अपने साथी के सामने रखें, किंतु उसके तर्क भी ध्यान से सुनें और उन्हें समझने की कोशिश करें। हो सकता है उसकी अपनी कुछ मजबूरियां भी हों।
3.-कुछ नौकरियां ऐसी होती हैं, जो अधिक समर्पण और समय की मांग करती हैं। यदि आप अपने साथी को प्यार करते हैं तो उसके काम से भी प्यार करने की आदत डालिए।
4.-जब आप अपने दांपत्य का सुख मिल कर भोगते हैं तो उसमें आने वाली परेशानियों को भी मिलकर निपटाइए।
5.– एक-दूसरे के करियर को लेकर अहं पालने के बजाए खुले दिल से उसे स्वीकार कीजिए।
6.-कला जगत अथवा मीडिया की दुनिया में काम करने वाली स्त्रियों को अपने करियर को संवारने के लिये शुरू के कुछ सालों में बहुत मेहनत करनी पड़ती है, अंतः उनके पति को पत्नी की जरूरतों को समझते हुए पूरा सहयोग देना चाहिए। यही बात पत्नियों के साथ भी लागू होती है।
7.-आजकल प्राइवेट कंपनियां अछा पैसा देती हैं किंतु मेहनत और समय पूरा लेती हैं। ऐसे में दोनों को परिवार की खुश्हाली के लिए एक-दूसरे को सहयोग देना चाहिए।
8 अपने करियर में चाहें जितना भी व्यस्त रहें, उसके लिए अपनी सेक्स लाइफ को नजरअंदाज न करें। वैवाहिक जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दा है यह। साथी द्वारा अपनी उपस्थिति की अवहेलना सीधे उसके अस्तित्व पर चोट करती है, जो दांपत्य के बिखरने का कारण बनती है।
9 समय प्रबंधन द्वारा अपने अति व्यस्त रुटीन के बावजूद एक-दूसरे के लिये पर्याप्त समय निकालें।
10 चैबीस घंटों में जितना समय भी आप एक-दूसरे को दे पाएं, उसको जी भर जीने की कोशिश करें। वैवाहिक सलाहकार डॉ. अनुराधा पटेल के अनुसार – पति पत्नी एकसाथ कितना समय बिताते हैं, उससे कहीं महत्वपूर्ण है कैसे समय बिताते हैं।
11 एक-दूसरे को समय कम दे पाने की भरपाई आप दूसरी तरह से कर सकते हैं। एक-दूसरे को अपने व्यवहार और भावनाओं से यह जताएं, कि आप उनके लिए स्पेशल हैं। साथी को अधिक समय न दे पाने की स्थिति में उनसे क्षमा याचना अवश्य करें।
12-अपने जीवन और भविष्य की बेहतरी के लिए यदि आप अपने करियर के प्रति अधिक समर्पित हैं तो भी अपने वर्तमान की उपेक्षा मत करें, क्योंकि गया वक्त फिर पलट कर नहीं आता।