फाजिल्का- फायनेंसर से तंग आकर आरएमपी डॉक्टर द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। डॉक्टर की जेब से एक पत्र मिला जो पंजाब मुख्यमंत्री के नाम था। प्राप्त जानकारी अनुसार डॉक्टर की आत्महत्या करने का कारण फायनेंसर द्वारा प्रताड़ित किया जाना बताया जा रहा है। कर्ज़ लिए पैसे वापस देने के बावजूद भी फायनेसर ने नहीं वापस किये खाली चैक और रजिस्ट्री के कागज़ात ! फायनैंसरो द्वारा कुछ दबे कुचले लोगों को बनाया जा रहा है शिकार।
फाजिल्का के कैंट रोड निवासी एक आरएमपी डाक्टर ने कर्ज़े से तंग आ कर खुदकुशी कर ली। स्थानिक सिवल हस्पताल में मृतक का पोस्ट मार्टम करवाने आए परिवारिक सदस्यों ने बताया कि रमेश कुमार जो कि खटीक मुहल्ले में आर.ऐम.पी डाक्टर के तौर पर प्रेक्टिस करता था। बीते दिनों फाजिल्का की कोड़्यावाली रोड पर नहर किनारे भेदभरे हलातों में तड़पता हुआ लोगों को मिला। जिसके बाद लोगों द्वारा उसे डाक्टर के पास लाया गया , जहाँ डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मौत के बाद जब उस के कपड़ों की तलाशी ली गई तो उस के कपड़ों में से एक खुदकुशी पत्र मिला, जो कि पंजाब के मुख्यमंत्री और सेहत मंत्री और परिवारिक मैम्बरों के नाम लिखे हुए ख़त मिले। जिस में उक्त डाक्टर ने फायनेंसर को अपनी मौत के लिए ज़िम्मेदार बताया और राज्य के मुख्यमंत्री और सेहत मंत्री को परिवारिक सदस्यों को संभालने और दोषी को सख़्त से सख़्त सज़ा देने की गुहार लगाई है।
जहाँ सूसाईड नोट में लिखा है कि उस ने राकेश कुमार छाबड़ा उर्फ बब्बू छाबड़ा से कुछ रुपए का कर्ज़ लिया हुआ था। इस के बदले में उस ने मकान की रजिस्टरी, खाली चैक, खाली अष्टाम और परनोट पर हस्ताक्षर करके दिए हुए थे और उस के द्वारा फायनेसर राकेश छाबड़ा के सभी पैसे वापस कर दिए गए थे, लेकिन उस ने उस के हस्ताक्षर करके दिए खाली चैक और रजिस्टरी के कागज़ात वापस नहीं किये और लगातार मुझे धमकिया दे रहा है। जिस कारण उसने यह कदम उठाया है।
वहीँ इस मामले की जानकारी लगते ही स्थानीय सिविल हॉस्पिटल में इकठ्ठा हुए मृतक के परिवारिक सदस्यों ने पुलिस से इन्साफ की माँग की है। थाना सदर पुलिस के ए.ऐस.आई.हरबंस लाल ने बताया कि मृतक के परिवारिक सदस्यों के बयानों पर उक्त राकेश छाबड़ा के ख़िलाफ़ धारा 306 आई.पी.सी. अधीन मामला दर्ज करके जाँच शुरू कर दी है।
रिपोर्ट- @इन्द्रजीत सिंह