दक्षिणी दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए हाईप्रोफाइल चोर गैंग का सदस्य सिद्धार्थ मेहरोत्रा एक आलीशान जिंदगी जीने के लिए नेताओं और बड़े नामी-गिरामी लोगों के यहां चोरी किया करता था।
गैंग का सरगना सिद्धार्थ चोरी करने के लिए अपनी चेवरोलेट क्रूज का इस्तेमाल करता था। ब्रांडेड कपड़े और टिस्सट की घड़ी पहने सिद्धार्थ को देखकर कोई नहीं बता सकता था कि वह एक चोर है। पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार करके पूछताछ की तो उसने बताया कि वह केवल नेताओं, व्यापारियों, उच्च अधिकारियों और अन्य हाईप्रोफाइल लोगों के यहां ही चोरी किया करता था।
पेशे से एक ग्राफिक डिजाइनर सिद्धार्थ एक पढ़े-लिखे परिवार से ताल्लुक रखता है। सिद्धार्थ के पिता एक बैंक मैनेजर हैं। सिद्धार्थ अपने साथी के साथ मिलकर नामी लोगों के घरों की रैकी किया करता था। रैकी के दौरान आरोपियों को पता चलता था कि गार्ड और वहां रह रहे लोगों के बीच इंटरकॉम की सुविधा नहीं है जिसके कारण वे अपनी गाड़ी आसानी से इलाके में ले जाते थे।
इलाके में घुसते समय गार्ड उनकी गाड़ी की चेकिंग भी नहीं किया करता था। इसके बाद वे घर को लूटने का प्लान बनाया करते थे। सिद्धार्थ के साथ उसका दोस्त अनुराग सिंह इन वारदातों में उसका साथ देते था। वे अपनी गाड़ी को इलाके के पास किसी जगह या फिर वहीं किसी पार्क में खड़ी कर दिया करते थे और फिर वारदात को अंजाम देने निकल पड़ते थे।
सिद्धार्थ अपने शिकार के घर की घंटी बजाकर साइड में छिप जाता था। अगर कोई दरवाजा खोल देता था तो वे वहां से निकल जाते थे और अगर थोड़ी देर तक कोई दरवाजा नहीं खोलता था तो वे लोग लॉक तोड़कर घर में घुसकर आसानी से चोरी कर लेते थे। बता दें कि जनवरी से अबतक कई चोरियों के केस साउथ दिल्ली के वसंत कुंज थाने में दर्ज कराई गई हैं।
इलाके में बढ़ती वारदातों को गंभीरता से लेते हुए वसंत कुंज एसीपी, एसएचओ केपी कुकरेती और गगन भास्कर के नेतृत्व में चोरों को पकड़ने के लिए टीम का गठन किया गया। टीम ने इलाके में हुई वारदातों की सीसीटीवी फुटेस खंगाली तो उन्हें उसमें सिद्धार्थ दिखाई दिया। इसी बीच पुलिस को जानकारी मिली की इस आरोपी की तलाश नोएडा पुलिस भी कर रही है। इसके बाद पुलिस ने जांच की और फिर प्लान बनाकर सिद्धार्थ और उसके साथी को धर दबोचा।