नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट ने सहारा डायरी मामले की जांच की मांग से जुड़ी याचिका ठुकरा दी है। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कथित रूप से आयकर विभाग के छापे में जब्त डायरी की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्च में याचिका दायर की थी।
प्रशांत भूषण ने अपनी याचिका के समर्थन में कुछ दस्तावेज भी सुप्रीम कोर्ट को सौंपे थे। हालांकि कोर्ट ने उन दस्तावेज़ों का देखने के बाद साफ कहा कि इन दस्तावेज़ों के आधार पर जांच के आदेश नहीं दिए जा सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अमान्य सामग्रियों के आधार पर जांच का आदेश नहीं दे सकते। राजनीतिक लक्ष्यों की पूर्ति के लिए कानूनी प्रकिया का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने साथ ही कहा कि ठोस सामग्री के बिना उच्च संवैधानिक पदाधिकारियों के खिलाफ यूं जांच बिठाई गई, तब तो लोकतंत्र काम ही नहीं कर सकता।
गौरतलब है कि आयकर विभाग के छापे में सहारा के ऑफिस से एक डायरी मिली थी, जिसमे कथित रूप से यह लिखा है की 2003 में गुजरात के मुख्यमंत्री को 25 करोड़ रुपये घूस दी गई. उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इनके अलावा तीन और मुख्यमंत्रियों को भी घूस देने की बात दी गई। भूषण के मुताबिक , आयकर विभाग ने अपनी रिपोर्ट में ये बातें कहीं हैं। याचिका में उन्होंने इस मामले की एसआईटी जांच की मांग की गई थी।