नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) के फैसले के खिलाफ भाजपा की याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है। आपको बता दें कि राज्य चुनाव आयोग ने चुनावों में नामांकन की ताऱीखों को आगे बढ़ाया था उसके बाद अपने ही फैसले को पलट दिया था। आयोग के इस फैसले के बाद भाजपा पश्चिम बंगाल इकाई तारीखों के लेकर सर्वोच्च अदालत चली गई थी। सोमवार को राज्य चुनाव आयोग ने चुनाव के नामांकन की बढ़ाई गई तारीखों के फैसले को वापस ले लिया था।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और डी वाई चंद्रचूड की पीठ ने कहा कि मामले की सुनवाई बुधवार को उसी पीठ से होगी, जिसने सोमवार को फैसला पारित किया था। बीजेपी की वकील ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला पारित कर दिया है। भाटी का आरोप है कि, चुनाव आयोग ने पंचायत चुनावों के नामांकन की तारीख को आगे बढ़ाया था, लेकिन बाद सत्ताधारी पार्टी टीएमसी के दबाव के चलते बढ़ी तारीखों को वापस ले लिया।
भाटी ने कहा कि, भाजपा ने एक नई इंटरकॉक्टीरी एप्लीकेशन (आईए) दाखिल की है। चुनाव आयोग के इस फैसले के चलते भाजपा के उम्मीदावार नामांकन दाखिल नहीं कर सके हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल में 1, 3 और 5 मई को पंचायत चुनाव हो हैं। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 9 अप्रैल थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार करते हुए कहा था कि बीजेपी के पास राज्य चुनाव आयोग के पास जाने का विकल्प खुला है। पार्टी आयोग से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र है।
बताते चलें कि, इलेक्शन कमीशन के द्वारा नामांकन की बढ़ी तारीख वापस लेने के फैसले के बाद तृणमूल कांग्रेस के कई उम्मीदवारों को निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया गया है। तृणमूल कांग्रेस ने बीरभूम जिला परिषद की 42 में से 41 सीटों पर जीती है। बीरभूम में 19 में से 14 सीटों को निर्विरोध जीत दर्ज की है। मुर्शिदाबाद में टीएमसी ने 30 में से 29 और भरतपुर-2 में सभी 21 पंचायत समितियों पर जीत हासिल कर ली है। बुर्वान में टीएमसी ने सभी 37 पंचायत सीटों अपना कब्जा जमाया।