नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट 11 दिसबंर को तेलंगाना पुलिस द्वारा किए गए हैदराबाद मुठभेड़ मामले की सुनवाई करेगा। उधर तेलंगाना सरकार ने एनकाउंटर की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। एसआईटी का नेतृत्व राचकोंडा के पुलिस आयुक्त महेश एम भागवत करेंगे। बता दें कि सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता दिशा के चार आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके बाद से ही एनकाउंटर पर सवाल उठने लगे थे।
वहीं आज साइबराबाद पुलिस के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करवाई गई है जिसमें कहा गया है कि हैदराबाद एनकाउंटर फर्जी था।
बता दें कि शुक्रवार सुबह हैदराबाद के एनएच 44 पर पुलिस ने जांच के दौरान क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्ट करने के लिए आरोपी को अपराध स्थल पर लाया। यहां पर आरोपियों ने पुलिसकर्मियों से हथियार छीन लिए और पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी।
पुलिस ने उन्हें चेतावनी देते हुए आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन वे गोलियां चलाते रहे। फिर पुलिस ने गोलाबारी की और चारों मुठभेड़ में मारे गए। मुठभेड़ के दौरान पुलिस के दो जवान घायल हो गए। उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस के इस एनकाउंटर को लेकर कई लोगों ने पुलिस की सराहना की तो कई ने इस पर सवाल भी उठाए। एक ओर जहां पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद गौतम गंभीर, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष और बाबा रामदेव जैसी हस्तियों ने इसका समर्थन किया तो दूसरी ओर कांग्रेस सांसद शशि थरूर, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे समाज के लिए अस्वीकार्य बताया।