भोपाल- दैनिक वेतन भाेगी कर्मचारियों की अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और मध्य प्रदेश शासित भाजपा शिवराज सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने लताड़ लगाते हुए कहा है कि यदि 18 मार्च तक सरकार की ओर से जवाब पेश नहीं किया तो अगली सुनवाई में मुख्य सचिव अंटोनी डिसा समेत अन्य अफसरों को पेश होना पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट में मप्र दैवेभो महासंघ ने सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। दैवेभो कर्मचारी राजवीर प्रसाद शर्मा ने यह याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एके सीकरी और आरके अग्रवाल ने सुनवाई की। शासन से अधिवक्ता सीडी सिंह और संदीपन पाठक ने सरकार का पक्ष रखा। शासन के वकीलों ने दलील देते हुए अंतिम जवाब के लिए 18 मार्च तक मोहलत मांगी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।
गौरतलब है कि पिछले साल जनवरी में प्रदेश के कई विभागों के दैवेभो कर्मचारियों को रेगुलर करने के आदेश दिए थे। इसके लिए अदालत ने सरकार को आठ महीने का वक्त दिया था। ये समय पिछले साल 20 सितंबर को खत्म हो गया। इस पर संगठन ने 16 दिसंबर को सरकार के खिलाफ पहली अवमानना याचिका दायर की। उसके बाद बीती 15 जनवरी को दूसरी याचिका दायर की।