नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सरकारी विज्ञापनों को लेकर एक बड़ा फैसला दिया है। शीर्ष कोर्ट के इस आदेश के तहत सरकारी विज्ञापनों पर अब नेताओं की तस्वीर नहीं लगेंगी। विज्ञापनों के नियमन के लिए सरकार से तीन सदस्यीय कमेटी बनाने के लिए कहा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारी विज्ञापनों में मुख्यमंत्री, मंत्री, गवर्नर समेत किसी नेता की तस्वीर नहीं लगा सकते। इन विज्ञापनों पर केवल प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और सीजेआई की तस्वीर लग सकती है।
विज्ञापनों में इन तीनों की तस्वीर तभी लगाई जा सकती है, जब वे खुद इसकी जवाबदेही लेंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि विज्ञापनों में तस्वीर लगाने से पहले प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और सीजीआई की मंजूरी लेनी होगी। गाइडलाइंस को अमल में लाने के लिए केंद्र कमिटी बनाएं।
इस फैसले के अनुसार अब मुख्यमंत्री या अन्य नेताओं की तस्वीरों वाले विज्ञापन गैरकानूनी माने जाएंगे। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज की याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने यह फैसला सुनाया। सुनवाई के बाद प्रशांत भूषण ने बताया, सरकारी विज्ञापनों में सरकार के पैसे का उपयोग नेताओं की छवि चमकाने के लिए हो रहा था।
इसके खिलाफ कोर्ट में अपील की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि महापुरुषों से जुड़े अहम दिनों पर उनकी तस्वीरों का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन किसी नेता की फोटो न लगाए जाएं। – एजेंसी
Supreme Court says no to politicians photos on government ads