नई दिल्ली : यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर विधानसभा चुनाव में भी ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ का मामला उठा था। ईवीएम छेड़छाड़ मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि ईवीएम मशीन के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को चार सप्ताह में अपना जवाब देने के लिए कहा है। याचिका में मांग की गई है कि प्रतिष्ठित इलेक्ट्रॉनिक लैब/वैज्ञानिक और सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट से ईवीएम मशीन की गुणवता, सॉफ्टवेयर और हैक करने के बारे में जांच करवाई जाए और आगे की कार्रवाई के लिए कोर्ट में इसकी रिपोर्ट पेश की जाए।
याचिका में वकील एम एल शर्मा ने मांग की थी कि केंद्र सरकार को कथित तौर पर ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ करने की जांच करने के लिए एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए जाएं। याचिकाकर्ता ने हालही में पांच राज्यों के विधानसभा और महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय के चुनाव में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के आरोप का जिक्र किया है। याचिका में दावा किया गया है कि चुनाव आयोग ने खुद स्वीकार किया था कि ईवीएम मशीन तब तक छेड़छाड़ नहीं की जा सकती, जब तक उनकी टेक्निकल, मैकेनिकल और सॉफ्टवेयर डिटेल गुप्त हैं।
बता दें, यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। इसके बाद मायावती ने चुनाव आयोग को एक पत्र भी लिखा था, जिसका जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने इन आरोपों को आधारहीन बताया था। चुनाव आोयग ने कहा था कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नहीं है।
मायावती के समर्थन में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी आए थे। अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी को मिले वोटों को शिरोमणी अकाली दल के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया। लालू यादव ने भी मायावती का साथ देते हुए कहा था कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव हैं। उत्तराखंड में पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी ईवीएम पर निशाना साधा था, हालांकि, उन्होंने छेड़छाड़ का आरोप सीधे तौर पर नहीं लगाया था। – मल्टीमीडिया टीम