नई दिल्ली- राम जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा 30 सितंबर 2010 को दिए गए फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 10 मार्च से सुनवाई होगी। इसके साथ ही अदालत भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर भी सुनवाई करेगा।
कहा जा रहा है कि जब सुप्रीम कोर्ट 10 मार्च को इस मुद्दे पर सुनवाई करेगा तो साथ ही वो भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर भी साथ में सुनवाई करेगा। स्वामी ने अपनी याचिका में राम मंदिर के पुर्ननिर्माण की मांग की है !
मालूम हो कि 2010 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल पर मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था। अयोध्या मसले पर तीन सदस्यीय खंडपीठ ने फैसले में विवादित जमीन को तीन भागों में बांटने का आदेश देते हुए कहा था कि जिस विवादित स्थल पर रामलला की मूर्ति विराजमान है, वहीं पर उनका जन्म हुआ था।
वहीँ दूसरी तरफ सुन्नी वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज करते हुए जमीन को रामलला, निर्मोही अखाड़ा और वक्फ बोर्ड के बीच बांटने को कहा था। इस फैसले का जहां सबने स्वागत किया था वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने का निर्णय किया था।
बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी और यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की पीठ ने हाईकोर्ट के फैसले को कुछ अजीब बताते हुए कहा था कि विवादास्पद भूमि के विभाजन का आदेश दिया गया जबकि किसी भी पक्ष ने उसे बांटने की बात नहीं की थी। अब 10 मार्च से सुप्रीम कोर्ट फिर राम जन्मभूमि मामले पर सुनवाई शुरू करेगी। स्वामी की याचिका पर सुनवाई भी संभव