नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार के विरोध को दरकिनार करते हुए, सरकार को राफेल डील के बारे में जानकारी मुहैया कराने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह उन कदमों के बारे में बताए जिसके तहत फ्रांस से फाइटर जेट राफेल खरीदने की प्रक्रिया का फैसला किया गया। आपको बता दें कि पिछले कुछ माह से इस जेट को लेकर काफी हंगामा मचा हुआ है और विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर घोटाले का आरोप लगा रहा है।
मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई की बेंच ने यह साफ कर दिया है कि केंद्र सरकार को जेट की कीमतों से जुड़े विषय पर जवाब नहीं देने की जरूरत नहीं है और न ही एयरक्राफ्ट की अनुकुलता को लेकर कोई सवाल किया जाएगा। बेंच ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को निर्देश दिया है कि 29 अक्टूबर तक उसे जेट खरीदने के फैसले की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाए। इसके बाद कोर्ट उन तरीकों का अध्ययन करेगी जिसके तहत फ्रांस के साथ सौदा हुआ और एक भारतीय कंपनी को ऑफसेट पार्टनर के तौर पर चुना गया।
कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि इस केस में कोई भी औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है और साथ ही जनहित याचिका में राफेल डील के खिलाफ लगाए गए आरोपों का सरकार की ओर से दी जाने वाली जानकारियों से कोई लेना-देना है। सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल से अनुरोध किया कि इन याचिकाओं को खारिज कर दिया जाए क्योंकि यह राजनीतिक भावना से प्रेरित हैं और इनसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी हैं। सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत धांडा और एमएल शर्मा की ओर से राफेल डीलन पर दो जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं। इन याचिकाओं में सौदे की जांच की मांग की गई थी।