नई दिल्ली – सुषमा स्वराज ने सोमवार को संसद में पहली बार ललितगेट पर चुप्पी तोड़ी। विपक्ष के हंगामे के बीच अचानक सुषमा ने लगभग गरजते हुए बोलना शुरू कर दिया। इसके बाजजूद, हंगामे की वजह से सुषमा का बयान पूरा होने से पहले ही राज्यसभा स्थगित कर दी गई।
सुषमा स्वराज ने कहा, ‘मैं प्रस्ताव करती हूं कि इस मामले पर बहस की जाए। चर्चा शुरू हो और मैं अपनी बात रख सकूं, लेकिन कोई चर्चा शुरू नहीं करता। शोर करते हैं।’
विपक्ष के हंगामे से बौखलाईं सुषमा ने सभापति से कहा, ‘मैं कहना चाहती हूं कि जिस तथ्य के आधार पर नोटिस दिया गया, वह तथ्य निराधार और असत्य है। मैंने कभी ललित मोदी के लिए ब्रिटिश सरकार से सिफारिश नहीं की, लेकिन मुझ पर आरोप लगता है।’
उन्होंने कहा कि वह चर्चा के लिए हमेशा तैयार रही हैं, लेकिन एक बार फिर विपक्ष ने उन्हें बात नहीं रखने दी। इसके पहले कांग्रेस ने पार्टी मीटिंग के दौरान तय किया था कि वह ऑल पार्टी मीटिंग में शामिल होगी।
बहरहाल, राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई है। दूसरी तरफ, लोकसभा की कार्यवाही जारी रही। अटकलें लगाई जा रही हैं कि ऑल पार्टी मीटिंग के बाद खुद पीएम मोदी व्यापम और ललितगेट मामले पर बयान दे सकते हैं।