नई दिल्ली : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शुक्रवार को यूएई की राजधानी अबु धाबी में थीं। यहां पर उन्होंने ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज यानी ओआईसी को संबोधित किया है। यह पहला मौका है जब भारत को इस कार्यक्रम के लिए बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर आमंत्रित किया गया। सुषमा ने यहां पर न सिर्फ आतंकवाद पर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया बल्कि उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि भारत की लड़ाई किसी देश के साथ नहीं। सुषमा ने मुसलमान देशों को बता दिया कि भारत की लड़ाई सिर्फ और सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि ओआईसी देशों के साथ भारत के अच्छे रिश्ते हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत की लड़ाई आतंक के खिलाफ है, किसी धर्म के खिलाफ नहीं है। इस्लाम शांति सिखाता है।’ सुषमा स्वराज इस बैठक में विशेष अतिथि के तौर पर शामिल हुई हैं। ऐसा पहली बार है जब भारत को ओआईसी की बैठक में बतौर ‘विशेष अतिथि’ आमंत्रित किया गया है। सुषमा ने यहां पर ऋगवेद का जिक्र किया। सुषमा ने कहा, ‘भारत हमेशा से ऋगवेद के ‘एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्ति’ पर विश्वास करता आया है जिसका मतलब है, ईश्वर एक है। लेकिन विद्वानों ने उन्हें कई तरीकों में बयान किया है।’
सुषमा ने यहां पर बताया कि जिस तरह से इस्लाम का मतलब शांति होता है और अल्लाह के 99 नामों में से किसी का भी हिंसा से कोई लेना देना नहीं है। उसी तरह से दुनिया का हर धर्म शांति, प्रेम और भाईचारे की बात करता है। विदेश मंत्री सुषमा ने आतंकवाद का जिक्र किया और कहा कि आज कुछ लोग धर्म के नाम पर आतंकवाद फैला रहे हैं। विदेश मंत्री ने ओआईसी के देशों से अपील की कि जो देश धर्म के नाम पर आतंकवाद फैला रहे हैं, उनके खिलाफ संगठन को कार्रवाई करनी होगी। संगठन को उन्हें यह बताना होगा कि इन देशों को अपने यहां पर आतंकवाद के ढांचे को ध्वस्त करना पड़ेगा।
वहीं जहां सुषमा स्वराज इस कार्यक्रम में मौजूद थी, वहीं पाकिस्तान ने इसका बायकॉट कर दिया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ओआईसी से सख्त खफा हैं। उन्होंने ओआईसी से अनुरोध किया था कि भारत को यहां पर न बुलाया जाए लेकिन ओआईसी ने उनकी एक नहीं सुनी और भारत को बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर आमंत्रित किया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री की सीट खाली थी और इस खाली सीट पर सबका ध्यान गया था।