नई दिल्लीः भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद लाल कृष्ण आडवाणी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विवादित बयान दिया था। राहुल ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के चंद्रपुर की रैली में कहा था कि मोदीजी अपने गुरु के आगे हाथ तक नहीं जोड़ते हैं। उनके इस बयान पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पलटवार करते हुए उन्हें अपनी भाषा को मार्यादा में रखने की सलाह दी है।
राहुल को सलाह देते हुए सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर लिखा, ‘राहुलजी, अडवाणीजी हमारे पिता तुल्य हैं। आपके बयान ने हमें बहुत आहत किया है। कृपया भाषा की मर्यादा रखने की कोशिश करें।’
रैली के दौरान राहुल ने कहा था, ‘पीएम मोदी हिंदू धर्म की बात करते हैं, लेकिन हिंदू धर्म में सबसे जरूरी होता है गुरु और पीएम मोदी अपने गुरु आडवाणी के सामने हाथ तक नहीं जोड़ते। हिंदू धर्म में सबसे बड़ी चीज गुरु-शिष्य का रिश्ता होता है। आप बताइए इससे बड़ी कोई चीज है। आडवाणीजी की आज क्या हालत है?’
इसके ठीक बाद राहुल ने आडवाणी और पीएम के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा, ‘स्टेज से उठाकर… गुरु को (कुछ शब्द आपत्तिजनक होने की वजह से हम नहीं लिख रहे हैं) स्टेज से उतारा है आडवाणी जी को और फिर हिंदू धर्म की बात करते हैं। हिंदू धर्म में कहां लिखा है कि हिंसा करनी चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘2019 का चुनाव विचारधाराओं की लड़ाई है। कांग्रेस की विचारधारा भाईचारा और प्रेम वाली है। हम मोदी की नफरत, क्रोध और विभाजनकारी विचारधारा पर जीत हासिल करेंगे। आपने सुना मैं प्यार से बोलता हूं, मेरे भाषण में नफरत नहीं सुनाई देगी।
बता दें कि भाजपा ने आडवाणी को इस बार गांधीनगर से टिकट नहीं दिया है। वह छह बार इस सीट से चुनाव जीते हैं। उनकी जगह इस बार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह गांधीनगर से चुनाव लड़ रहे हैं। राहुल ने अपने भाषण में पुलवामा का जिक्र भी किया।
हाल ही में आडवाणी ने एक ब्लॉग लिखा था। जिसके बाद से पार्टी पर विरोधियों को हमला करने का मौका मिल गया है। ब्लॉग में उन्होंने साफ कहा कि भाजपा से अलग राजनीतिक राय रखना देशविरोधी होना नहीं है। इसके अलावा उन्होंने गांधीनगर की जनता और कार्यकर्ताओं के प्रति अपना आभार व्यक्त किया था।