नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जहां सभी राजनीतिक पार्टियां सियासी रणनीति बनाने में जुटे हुई है तो वहीं दूसरी तरफ बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से बगावत के पार्टी से अलग हुए स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर कई तरह की अटकलेंं लगाई जा रही हैं।
सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि सैद्धांतिक तौर पर स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा में शामिल होने पर सहमति बन चुकी है।
माना जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य नई दिल्ली में हैं और वे शनिवार को भाजपा के नेताओं से मुलाकात कर इस बारे में चर्चा कर सकते हैं।
हालांकि, मौर्य ने फिलहाल भाजपा में जाने के सवाल पर अपनी चुप्पी साध रखी है। उन्होंने भाजपा नेता ओम माथुर से अपनी मुलाकात की मीडिया में आ रही खबर को भी बकवास बताते हुए इनकार किया है। मौर्य ने कहा कि अपने अगलेे कदम के बारे में अगले महीने यानि जुलाई में फैसला करेंगे।
मौर्य एक जुलाई को लखनऊ में अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है जिसे उनके शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसी खबर है कि स्वामी प्रसाद मौर्य की जो मांगें थी उस पर समाजवादी पार्टी से बात नहीं बन सकी।
उसके बाद मौर्य ने सपा पर राजनीतिक वार किया तो वहीं समाजवादी पार्टी ने भी उन्हें अपने निशाने पर ले लिया। वैसे खुद मुख्यमंत्री अखिलेश शायद स्वामी प्रसाद मौर्य को प्रशंसा करते हुए उन्हें अच्छा आदमी बताया था।