जोशीमठ- बदरीनाथ धाम में दो दिनों के प्रवास के बाद जोशीमठ पहुंचे ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की सरकार है जिस कारण यूपी में हिंदुओं की दुर्गति हो रही है।
स्वरूपानंद जोशीमठ पहुंचे जहां मठ में श्रद्धालुओं ने फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया। शंकराचार्य बदरीनाथ स्थित ब्रह्म कपाल भी गए और तीर्थपुरोहितों से यात्रा की जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड के लोगों की आस्था के साथ ही आर्थिकी से भी जुड़ी हुई है। उन्होंने व्यवसायियों और आम लोगों से तीर्थयात्रियों के साथ सद्भावनापूर्ण पूर्ण व्यवहार करने की अपील की।
इस मौके पर तीर्थ पुरोहित संघ के अध्यक्ष उमानंद सती, चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष सुबोधानंद ब्रह्मचारी, डा. बृजेश सती, राकेश सती, सत्य प्रसाद नौटियाल, संजय सती, दिनकर बाबुलकर, भगवती प्रसाद, आनंद सती, वीरेंद्र हटवाल व प्रकाश सती आदि मौजूद थे।
सरकार रहने दे ,हम खुद राम मंदिर बनाएंगे : शंकराचार्य
शंकराचार्य ने अब साई बाबा को बताया वैश्या पुत्र !
शंकराचार्य ने कहा, दलितों के लिए बीजेपी का प्रेम झूठा
मथुरा- शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने गुरुवार को दलितों के प्रति भाजपा के प्रेम को झूठा करार देते हुए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि दलित परिवारों के साथ नेताओं का भोजन करना विशुद्ध रूप से राजनैतिक कृत्य है।
द्वारकापीठ और शारदापीठ के शंकराचार्य ने कहा, ‘बिना पूर्व सूचना के वो क्यों नहीं उनके साथ भोजन करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘राजनैतिक फायदे के लिए दलितों के साथ उज्जैन में क्षिप्रा नदी में स्नान करने की एक नयी परंपरा स्थापित की गई। नदियों, मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर जाति, धर्म या वर्ण के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है।’ दलितों के प्रति भाजपा के प्रेम को झूठा करार देते हुए उन्होंने कहा कि दलित परिवारों के साथ भोजन करना विशुद्ध रूप से राजनैतिक कृत्य है।
वहीं, बिसहड़ा मामले में रिपोर्ट सामने आने के बाद की स्थिति पर स्वरूपानंद ने कहा कि बेशक, जिन लोगों ने कानून हाथ में लिया, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। उन्होंने बेहद तीखे शब्दों में कहा कि, ‘जब कोई ब्राह्मण मरता है, तो सरकार को सहिष्णुता नहीं दिखती। लेकिन, जब कोई अल्पसंख्यक मरता है तो चिल्लाने लगते हैं।’ उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि सरकार अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं पूरी करती। जब गौ-हत्या पर प्रतिबंध है, तो फिर कोई ऐसा क्यों करता है।