32.1 C
Indore
Saturday, November 2, 2024

अहंकार व अत्याचार के प्रतीक: रावण और यज़ीद

इन दिनों पूरे विश्व में हिंदू व मुस्लिम दोनों ही प्रमुख धर्मों के अनुयायी दशहरा तथा मोहर्रम एक साथ मना रहे हैं। दशहरा अर्थात् विजयदशमी का पर्व उत्सव,हर्षोल्लास तथा विजय के रूप में मनाया जाता है। तो दूसरी ओर मोहर्रम जोकि बावजूद इसके कि इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार नए वर्ष का पहला महीना होता है फिर भी इसे शोकपूर्ण तरीके से मनाते हैं। दशहरे या विजयदशमी का जश्र मनाने का कारण यह है कि इस दिन भगवान श्री राम ने सीता माता का हरण करने वाले अहंकारी,अत्याचारी तथा दुष्ट राक्षस रूपी रावण का वध कर सीता को उसके चंगुल से मुक्त कराया था तथा पृथ्वी पर रावण के द्वारा किए जा रहे अत्याचारों से पूरी मानवता को मुक्ति दिलाई।

चूंकि भगवान राम को इस राम-रावण युद्ध में विजय हासिल हुई थी इसलिए इसे विजयदशमी भी कहा जाता है और भगवान राम की जीत के जश्र के रूप में दशहरा पूरी भव्यता तथा रंग-बिरंगी रौशनी व आतिशबाज़ी के साथ मनाया जाता है। इस पावन पर्व को असत्य पर सत्य की जीत का नाम भी दिया जाता है।  दूसरी ओर मोहर्रम इस्लाम धर्म के प्रवर्तक हज़रत मोहम्मद के नवासे हज़रत इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों व परिजनों की करबला में हुई शहादत को याद करते हुए मनाया जाता है। इतिहास के अनुसार एक मुस्लिम शासक यज़ीद जो छठी शताब्दी में सीरिया का शासक था वह अत्यंत दुश्चरित्र,अत्याचारी तथा गैर इस्लामी गतिविधियों में संलिप्त रहने वाला बादशाह था। उधर हज़रत हुसैन एक सच्चे,नेक,धर्मपरायण तथा मानवता प्रेमी व्यक्ति थे।

यज़ीद जैसा अधर्मी व अत्याचारी शासक हज़रत हुसैन से इस बात की उम्मीद रखता था कि वे उसे अपना राजा स्वीकार करते हुए उसके राज्य को इस्लामी धार्मिक मान्यता भी प्रदान करें। हज़रत हुसैन उसे इस्लामी राज्य के राजा के रूप में हरगिज़ स्वीकार नहीं करना चाहते थे। वे जानते थे कि यदि उन्होंने हज़रत मोहम्मद के नवासे होने के बावजूद यज़ीद के साम्राज्य अथवा उसकी सैन्य शक्ति से डरकर उसे इस्लामी राजा के रूप में मान्यता दे दी तो भविष्य में इतिहास इस बात का जि़क्र करेगा कि यज़ीद जैसा दुश्चरित्र व अत्याचारी व्यक्ति हज़रत मोहम्मद के परिवार से संबंध रखने वाले उनके नाती हज़रत हुसैन के हाथों मान्यता प्राप्त मुस्लिम शासक था। इसी प्रतिरोध के चलते यह विवाद करबला की रक्तरंजित घटना पर आकर खत्म हुआ।  करबला में यज़ीद की विशाल सेना ने हज़रत इमाम हुसैन के परिवार के 72 लोगों को एक-एक कर शहीद कर दिया।

शहादत पाने वालों में 6 महीने के बच्चे से लेकर 80 वर्ष के बुज़ुर्ग तक का नाम इतिहास में दर्ज है। यह लड़ाई भी असत्य के विरुद्ध थी। परंतु इसमें ज़ालिम यज़ीद की सेना ने हज़रत इमाम हुसैन व उनके साथियों को शहीद कर क्षणिक रूप से तलवारों व सिंहासन की जीत तो ज़रूर हासिल कर ली परंतु हज़रत इमाम हुसैन को अपने विराट मकसद में पूरी कामयाबी मिली। आज दुनिया में मुस्लिम समुदाय के लोग इसीलिए मोहर्रम के महीने को जश्र के रूप में मनाने के बजाए इसे सोग और गम के रूप में मनाते हैं। मोहर्रम के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग काले कपड़े पहनते हैं। नंगे पैर रहते हैं। अपने सीने पर अपने हाथों से मातम करते हैं,जुलूस अलम,ताजि़या,ताबूत निकालते हैं, ज़ंजीरों व तलवारों के मातम कर हज़रत हुसैन की याद में अपनी रक्तरंजित श्रद्धांजलि पेश करते हैं। और इस दौरान यह लोग हज़रत हुसैन को याद कर आंसू बहाते हैं।

कुल मिलाकर विजयदशमी का जश्र हो या मोहर्रम का शोक दोनों का मकसद व मूल उद्देश्य एक ही है बुराई पर इच्छाई की जीत होना। चाहे वह ज़ालिम अत्याचारी व अहंकारी को मारकर हासिल की जाए या ऐसे व्यक्ति के आगे अपनी सच्चाई पर अडिग रहते हुए अपना शीश झुकाने के बजाए शीश कटाकर जीत हासिल की जाए। पूरे भारतवर्ष में भी इन दिनों चारों ओर विजयदशमी की धूम और मोहर्रम का सोग मनाए जाने की खबरें आ रही हैं। कई स्थानों से तो ऐसे समाचार प्राप्त हो रहे हैं जहां हिंदू-मुस्लिम सिख आदि सभी धर्मों के लोग मिल-जुल कर दशहरा व मोहर्रम मना रहे हैं तो कहीं से ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि इन त्यौहारों के एक साथ पडऩे के कारण समाज में तनाव पैदा हो गया है। पिछले दिनों पश्चिम बंगाल से यह खबर आई कि मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने विजयदशमी के दिन होने वाले मूर्ति विसर्जन को यह कहते हुए रोक दिया कि उस दिन मोहर्रम के जुलूस व ताजि़ए निकलेंगे इसलिए मूर्ति विसर्जन नहीं होगा हालांकि बाद में कोलकाता उच्च न्यायालय ने उनके सरकारी निर्देश को निरस्त करते हुए दोनों ही त्यौहार मनाने के आदेश जारी कर दिए।  यदि हम मानवीय नज़रों से इन दोनों ही त्यौहारों को देखें तो हमें इसके उद्देश्य में काफी समानता दिखाई देती है। आज हिंदू व मुस्लिम दोनों ही समाज के लोगों को अपने-अपने धर्मों में सिर उठाते जा रहे रावणों व यज़ीदों को मारने की ज़रूरत है।

दोनों ही धर्मों के लोग इसी मकसद से इकठा  होते हैं तथा अपने रीति-रिवाजों के अनुसार इसे इसीलिए मनाते हैं ताकि हिंदू स्वयं को भगवान राम का पक्षधर साबित करते हुए रावण जैसे अहंकारी व दुष्ट राक्षस का विरोधी साबित कर सकें तो इसी तरह मुस्लिम समाज के लोग भी हज़रत हुसैन की याद में आंसू इसीलिए बहाते हैं ताकि वे यज़ीद के ज़ुल्म व बर्बरता से दुनिया को अवगत कराते हुए यह संदेश दे सकें कि हज़रत हुसैन अकेले,कमज़ोर,गरीब व मजबूर होने के बावजूद अत्याचार व अधर्म का परचम अपने हाथों में लिए खड़ी लाखों की सेना के समक्ष झुकने के लिए राज़ी नहीं हुए हालांकि उन्होंने अपनी व अपने परिवार के सदस्यों यहां तक कि अपने 6 महीने के बच्चे अली असगर और 18 वर्ष के जवान बेटे अली अकबर व भाई अब्बास जैसे होनहार परिजनों की कुर्बानी तक देनी स्वीकार की।  हमारे देश में हरियाणा के बराड़ा कस्बे में विश्व का सबसे ऊंचा रावण का पुतला बनाया व जलाया जाता है।

यह आयोजन जहां अपनी कला व संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है तथा 210 फुट ऊंची विशालकाय प्रतिमा को देखने के लिए पूरे देश के लोगों तथा राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को अपनी ओर आकर्षित करता है वहीं इस आयोजन की सबसे बड़ी विशेषता यह भी है कि विश्व के सबसे ऊंचे रावण के पुतले की पृष्ठभूमि में चलने वाला पांच दिवसीय बराड़ा महोत्सव सर्वधर्म संभाव तथा सांप्रदायिक सौहाद्र्र की एक जीती-जागती मिसाल पेश करता है। इस अद्भुत आयोजन के सूत्रधार तथा रावण के पुतले के निर्माता व श्री रामलीला क्लब बराड़ा के प्रमुख राणा तेजिंद्र सिंह चौहान हैं तो इसी क्लब के संयोजक के रूप में पत्रकार तनवीर जाफरी अपनी सक्रिय भूमिका निभाते आ रहे हैं। दूसरी ओर बराड़ा महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष उद्योगपति राजेश सिंगला हैं तो जीएनआई शिक्षण संस्थान के निदेशक सरदार हरजिंद्र सिंह इस समिति के चेयरमैन हैं।

गोया विजयदशमी से जुड़ा देश का यह महत्वपूर्ण आयोजन आपसी भाईचारे व सांप्रदायिक सद्भाव की सबसे बड़ी मिसाल पेश करता है। आज देश को ज़रूरत इसी बात की है कि हिंदू-मुस्लिम,सिख-ईसाई सभी धर्मों के लोग खासतौर पर वे लोग जो स्वयं को धर्मपरायण समझते हैं उन्हें इन सभी धर्मों के त्यौहारों के उद्देश्यों तथा इनके मर्म को समझने की ज़रूरत है। किसी भी धर्म से ज़ड़े किसी त्यौहार को केवल उसके धर्म से जोडक़र देखने के बजाए मानवता से जुड़े उसके उद्देश्यों को समझना चाहिए और जिस दिन हम ऐसा करने लगेंगे उसी दिन हमें विजयदशमी तथा मोहर्रम दोनों ही पर्व अपने पर्व लगने लगेंगे तथा रावण व यज़ीद हिंदू या मुसलमान राक्षस नहीं बल्कि दोनों ही मानवता के दुश्मन नज़र आने लगेंगे और तभी ईश्वर हम सब को एक-दूसरे धर्मों के त्यौहार मिलजुल कर मनाने की सद्बुद्धि प्रदान करेगा।

निर्मल रानी
1618/11, महावीर नगर,
अम्बाला शहर,हरियाणा।
फोन-09729-229728

Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...