अयोध्या: विश्व हिंदू परिषद की धर्म सभा में कोई लिखित प्रस्ताव जारी नहीं हुआ. लेकिन भावनाएं पूरी तरह साफ दिखीं कि धर्मसभा राम मंदिर निर्माण को लेकर बिल या आॅर्डिनेंस लाए जाने के पूरी तरह पक्ष में है। साथ ही धर्म सभा में सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ नाराजगी भी सामने आई।
वहीं इस धर्मसभा को भविष्य के प्रदर्शनों की शुरुआत के तौर पर माना गया। बता दें अगली धर्मसभा 9 दिसंबर को दिल्ली में आयोजित होनी है। इस धर्मसभा में बीजेपी और सरकार पर राम मंदिर निर्माण को लेकर बिल या आॅर्डिनेंस लाने का दबाव बढ़ाने की कोशिश की गई। इस दौरान धर्मसभा में मंच पर से कोई विवादित बयान नहीं दिया गया।
धर्मसभा के आखिर में भीड़ के साथ संकल्प लिया गया। इस दौरान लोगों से आह्वान किया गया कि वे अयोध्या की मिट्टी हाथ में लें। कहा गया कि हम कसम खाते हैं कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर विशाल राम मंदिर का निर्माण कराएंगे। हम इस संघर्ष को बेकार नहीं जाने देंगे और राम मंदिर निर्माण के लिए किसी भी कीमत पर आगे बढ़ेंगे।
इससे पहले अपने संबोधन में स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि मैंने 23 नवंबर को केंद्र सरकार में वरिष्ठ मंत्री से इस संबंध में बातचीत की थी। उन्होंने मुझे आश्वस्त किया कि 11 दिसंबर के बाद हम इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के साथ बैठेंगे और इस मुद्दे पर निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस संबंध में मंदिर निर्माण को लेकर कानून आएगा। रामभद्राचार्य ने कहा कि उन्होंने कहा कि धैर्य रखें. सरकार सभी की भावनाओं का आदर करती है। रामभद्राचार्य ने कहा कि ये सरकार के वरिष्ठतम मंत्री ने मुझसे कहा है। उन्होंने कहा कि मैं राम भक्त हूं। राम जन्मभूमि हमारा अधिकार है।
@शाश्वत तिवारी