जेठालाल के सरप्राइज के बाद सभी गोकुलधाम के निवासी पतंग उडा कर और स्टेचू ऑफ़ यूनिटी पे मौज मस्ती करके वापस मुंबई आ जाते हैं | सभी इस मजेदार ट्रिप के बारे में किस्से कहानियां एक दूसरे को सुनाते हुए गोकुलधाम पहुंच जाते हैं |
काफी समय के बाद जेठालाल को ये अहसास होता है कि बापू जी उनके साथ वापिस नहीं आये | बहुत घबरा के वो सब को बुलाता है | सभी डर जाते हैं और अलग अलग तरह की अटकलें लगाने लगते हैं |
अंत में भिड़े, पोपटलाल और जेठालाल भिड़े की स्कूटर सखाराम पर बैठ कर बापू जी को खोजने के लिए निकलते हैं | रास्ते में मिला हर व्यक्ति उनको बापू जी नजर आता है |
जब खूब ढूंढने पर भी बापू जी नहीं मिलते तो जेठालाल तो जैसे पागल सा ही हो जाता है | तभी पोपटलाल सबको उस बस को ढूंढने की सलाह देता है जिस बस में बैठकर सभी मुंबई वापिस आये थे |
अंत में बस मिल जाती है | पर क्या बापू जी बस के अंदर हैं ? दूसरा सवाल ये है कि अगर बापू जी उस बस के अंदर ही हैं तब चार लोग एक स्कूटर पर बैठकर वापिस कैसे जाऐंगे ?