झारखंड के सरायकेला में बाइक चोर होने के आरोप में भीड़ की पिटाई से मुस्लिम युवक तबरेज की मौत के मामले में दो पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। तबरेज अंसारी की मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया है
दरअसल, मोटरसाइकिल चुराने के संदेह पर पिछले सप्ताह कथित तौर पर कई घंटों तक बुरी तरह पिटाई के शिकार हुए तबरेज ने चार दिन बाद दम तोड़ दिया। इस घटना का एक कथित वीडियो सामने आया है, जिसमें पीड़ित को ‘जय श्री राम और ‘जय हनुमान बोलने के लिए विवश किया जा रहा है।
उधर, पुलिस ने बताया कि तबरेज अंसारी की मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया है जिसने 22 जून को जमशेदपुर में टाटा मेन अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
पुलिस ने कहा कि हाल ही में निकाह करने वाले अंसारी की एक खंभे से बांधकर 18 जून को रात भर लाठियों से पिटाई की गई। इसके तीन दिन बाद उसने 21 जून को बेचैनी की शिकायत की जिसके बाद उसे सरायकेला सदर (जिला) अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने बताया कि अगले दिन उसे जमशेदपुर के टाटा मेन अस्पताल ले जाया गया।
पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने बताया, ”हमने मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया है…और इसने पहले ही रविवार रात में इलाके में छापेमारी की है। इस घटना के एक वीडियो में भीड़ द्वारा अंसारी पर कथित तौर पर जबरन धार्मिक नारे लगवाने के लिये दबाव डाला जा रहा है।
एसपी ने कहा, ”पापु मंडल को गिरफ्तार कर लिया गया है और घटना की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि घटना के विस्तृत ब्यौरा का खुलासा संवाददाता सम्मेलन के दौरान किया जाएगा। यह घटना 18 जून को उस समय हुई जब तबरेज अंसारी अपने दो दोस्तों के साथ यहां से करीब 30 किलोमीटर दूर जमशेदपुर से पूर्वी सिंहभूमि जिला लौट रहा था।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कुछ ग्रामीणों ने उन्हें पकड़ लिया और सरायकेला खरसावां जिले के धतकिडिह गांव में उस पर एक मोटरसाइकिल चुराने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि अंसारी के दोस्त बच निकलने में सफल रहे लेकिन उसे एक खंभे से बांध दिया गया और रात भर लाठियों से उसकी पिटाई होती रही।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इसके बाद ग्रामीणों ने उसे पुलिस को सौंप दिया। पुलिस अधिकारी ने कहा कि अंसारी की पत्नी ने एक शिकायत दर्ज कराई है जिसमें उसने कई लोगों के नाम लिए हैं। अंसारी की पत्नी शाइस्ता परवीन ने अपनी शिकायत में कहा, ”उसे गिरफ्तार करने और जेल भेजने के बजाय पुलिस को उसे अस्पताल ले जाना चाहिए था। (इनपुट भाषा से)