मोगा – बादल परिवार की कंपनी ऑर्बिट की बस में सफर कर रही मां-बेटी से छेड़छाड़ के बाद फेंकने के मामले में पीड़ित परिवार जहां इंसाफ की मांग पर अड़ा है, वहीं पंजाब सरकार के वरिष्ठ मंत्री सुरजीत सिंह रखरा ने इस घटना पर शर्मनाक बयान दिया है। रखरा ने मोगा की घटना को ‘भगवान की मर्जी’ करार दिया ।
रखरा ने इस घटना पर बुरी तरह घिरी बादल सरकार का बचाव करते हुए कहा कि ‘हम सिर्फ सुरक्षा दे सकते हैं, बाकी तो कुदरत की गल है।’
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा और आप नेता भगवंत मान ने रखरा के इस बयान की निंदा की है। बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भी इसी तरह का बयान दिया था, अब उनके कैबिनेट मंत्री भी यह कह रहे हैं। वहीं मान ने कहा कि सुखबीर और प्रकाश सिंह बादल पंजाब के भगवान बन चुके हैं।
बादल परिवार की कंपनी ऑर्बिट की बस में सफर कर रही मां-बेटी से छेड़छाड़ के बाद फेंकने के मामले में पीड़ित परिवार ‘इंसाफ’ की मांग पर अड़ गया है। शुक्रवार को परिवार ने बेटी अर्शदीप के शव का पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया। परिवार का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता तब तक वह न तो शव का पोस्टमॉर्टम कराएंगे और न ही अंतिम संस्कार होने देंगे। सरकार के मुआवजे और परिवार के एक सदस्य की नौकरी की पेशकश को ठुकराते हुए पीड़ित परिवार ने मांग की है कि चार आरोपियों के साथ-साथ बादल परिवार के खिलाफ भी केस दर्ज किया जाए।
इस बीच, बुधवार को हुए मोगा बस कांड मामले प्रदेश की राजनीति को भी गर्म कर दिया है। कांग्रेस ने इसके विरोध में आज प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप सिंह बाजवा के नेतृत्व में पंजाब में ‘रेल रोको’आंदोलन की घोषणा की है। आम आदमी पार्टी (आप) ने घटना की निंदा करते हुए केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे और पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल के खिलाफ आईपीसी 304 के तहत मामला दर्ज करने के साथ ऑर्बिट व बादलों की अन्य ट्रांसपोर्ट कंपनियों की परमिट रद्द करने की मांग की है। दूसरी तरफ, सुखबीर सिंह बादल ने स्पष्ट किया कि भले ही यह घटना उनकी कंपनी की बस में हुई है, लेकिन जांच पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
सरकार के मुआवजे और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का प्रस्ताव ठुकराते हुए मृत अर्शदीप के पिता ने कहा, ‘मुझे इंसाफ चाहिए। मेरी बेटी छोटी बच्ची थी। क्या हमारा कानूनी सिस्टम इतना कमजोर है कि बस के मालिक के खिलाफ केस दर्ज न कर पाए? क्या दुनिया में कोई नहीं है जो उपमुख्यमंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करे?’ मृतक अर्शदीप की दादी सुरजीत कौर ने चेतावनी दी है कि अगर उनके परिवार को इंसाफ नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेंगी और इसका जिम्मेदार बादल परिवार होगा।
राजनीतिक रूप से संवेदनशील बन चुके इस मामले को सुलझाने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन लगातार दूसरे पक्ष से वार्ता कर रहा है। बातचीत से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पीड़ित परिवार 50 लाख के मुआवजे के अलावा परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी और घायल महिला की मुफ्त इलाज की मांग कर रहा है। शुक्रवार को सिविल अस्पताल में पुलिस और प्रशासन के साथ डेढ़ घंटा लंबी बातचीत में परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी और 20 लाख रुपये की विशेष ग्रांट देने की बात पर सहमति बन गई थी, लेकिन पीड़ित परिवार की ओर से बात कर रहे लोगों में ही विवाद हो गया और अर्शदीप के पिता सुखदेव सिंह ने पेशकश को ठुकरा दिया। पीड़ित पक्ष ट्रांसपोर्ट कंपनी का परमिट कैंसल करने और सुखवीर सिंह बादल के खिलाफ एफआईआर की मांग भी कर रहा है। उनका कहना है कि जब तक सारी मांगें मान नहीं ली जाती हैं, वे न तो पोस्टमॉर्टम कराएंगे और न अंतिम संस्कार करेंगे।
गौरतलब है कि 29 अप्रैल की शाम गांव लंडेके की छिंदर कौर (36) अपनी बेटी अर्शदीप कौर (13) और बेटे आकाशदीप सिंह (12) के साथ अपने मायके गांव कोठा गुरु जिला बठिंडा जा रही थीं। इस दौरान बस में सवार कुछ मनचले छिंदर कौर और अर्शदीप से छेड़छाड़ करने लगे। विरोध करने पर गांव गिल के पास उन्होंने दोनों को बस से धक्का दे, दिया जिससे अर्शदीप की मौके पर मौत हो गई जबकि छिंदर कौर गंभीर रूप से घायल हैं। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।