मुंबई- टाटा ग्रुप में लगातार घमासान मचा हुआ है। ग्रुप का कहना है कि पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री ने बोर्ड के सदस्यों का भरोसा खो दिया था, इसीलिए उन्हें हटाया गया। इससे पहले सायरस ने टाटा पर बड़े आरोप लगाए थे। जिन्हें ग्रुप ने खारिज कर दिया है। हालांकि इस घमासान के बीच टाटा ग्रुप को तीन झटके लगे हैं।
टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद से सायरस मिस्त्री और टाटा ग्रुप के बीच का टकराव बढ़ता ही जा रहा है। पहले सायरस मिस्त्री ने टाटा ग्रुप पर बड़े आरोप लगाए। जिसके जवाब में ग्रुप की तरफ से कहा गया कि सायरस मिस्त्री ने ग्रुप की छवि को जिस तरह कर्मचारियों की नजर में भी गिराने की कोशिश की, वो माफ करने लायक नहीं है। उनके लीक हुए बयान में जो निराधार आरोप लगाए गए हैं, उन पर सार्वजनिक बहस में उलझना टाटा सन्स की गरिमा के खिलाफ है।
ऐसे कई कारण हैं, जिनके चलते सायरस मिस्त्री ने टाटा सन्स बोर्ड के सदस्यों का भरोसा खो दिया और बोर्ड को उन्हें बदलने का फैसला करना पड़ा। इससे पहले सायरस मिस्त्री ने बोर्ड को 5 पेज की एक चिट्ठी लिखकर बड़े सवाल उठाए थे। चिट्ठी में सायरस ने कहा था कि…
नैनो कार की वजह से ग्रुप को भारी नुकसान हो रहा है.रतन टाटा के निजी जुड़ाव की वजह से इसे बंद नहीं करने दिया गयामुझे महज नाम का चेयरमैन बनाकर रखा गया कामकाज की पूरी आजादी नहीं दी गई। टाटा ग्रुप को 1800 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है।
टाटा ग्रुप ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें ग्रुप चेयरमैन के तौर पर काम करने के लिए पूरे मौके और अधिकार दिए गए थे। अफसोस की बात है कि वो पद से हटाए जाने के बाद आरोप लगा रहे हैं और उन फैसलों के बारे में तथ्यों को तोड़मरोड़ कर पेश कर रहे हैं, जिनमें वो खुद अलग-अलग हैसियत से शामिल रहे हैं।
ऐसे तमाम रिकॉर्ड मौजूद हैं, जो सायरस मिस्त्री के लगाए आरोपों को बेबुनियाद गलत साबित कर देंगे। जरूरत पड़ने पर ये रिकॉर्ड सही जगह पर पेश किए जाएंगे।
आपको बता दें कि इस झगड़े के बीच टाटा ग्रुप को दो बड़े झटके लगे हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली में टाटा समूह के होटल ताज मानसिंह की नीलामी की इजाजत दे दी। वहीं टाटा-एयर एशिया डील पर एडीआई नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए एयरलाइन कंपनियों का संगठन सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। टाटा ग्रुप से जुड़े इन विवादों का खामियाजा निवेशकों को भी भुगतना पड़ रहा है। पिछले तीन दिनों में ग्रुप की अलग अलग कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। [एजेंसी]