भोपाल – मध्य प्रदेश के भोपाल के शबरी नगर में एक चायवाले राजेश साकरे ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 9 हजार रुपए की धोखाधड़ी का केस जीता है। इस केस की खास बात यह है कि इसे एसबीआई के धुरंधर वकीलों के खिलाफ खुद राजेश ने लड़ा था, जबकि वह सिर्फ पांचवीं पास हैं।
राजेश का भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई की हमीदिया रोड में खाता था। 2011 में उनके खाते में 20 हजार रुपए जमा थे। 23 दिसंबर को उन्होंने एटीएम के जरिए इसमें से 10,800 रुपए निकाले और घर चले गए। 2 दिनों बाद वह फिर से एटीएम लौटे और पैसे निकालने की कोशिश की तो उन्हें पता चला कि उनके खाते में रुपए ही नहीं हैं।
इसकी शिकायत उन्होंने बैंक अधिकारियों से की तो उन्होंने इस मामले में राजेश की ही गलती बताकर अपने हाथ खड़े कर दिए। राजेश ने एसबीआई मुख्यालय में भी इस मामले की शिकायत की, पर कोई हल नहीं निकला। हारकर उन्होंने उपभोक्ता फोरम का रुख किया।
अब राजेश के सामने वकील हायर करने की समस्या थी। पैसे न होने की वजह से उन्होंने फोरम के मैजिस्ट्रेट के सामने अपना पक्ष खुद रखने का फैसला किया। उनके सामने एसबीआई के धुरंधर वकील थे, लेकिन राजेश ने अपना पक्ष इस तरह से रखा कि फोरम को उनकी बात सही लगी। बैंक का लगातार कहना था कि राजेश ने अपने खाते में जमा रकम खुद निकाली थी। फोरम ने बैंक से इस बात के सबूत देने और सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने को कहा, जो बैंक उपलब्ध नहीं करा सका।
इस पर फोरम ने बैंक को दो महीनों के भीतर 6 फीसदी की ब्याज दर से राजेश के 9,200 रुपए, मानसिक प्रताड़ना के मुआवजे के तौर पर 10 हजार रुपए और कानूनी कार्रवाई में खर्च 2 हजार रुपए देने को कहा है। इस सुनवाई के दौरान राजेश को करीब एक दर्जन बार अपनी पेशी देनी पड़ी, लेकिन वह हर बार पेशी में मौजूद रहे।
:- एजेंसी