डिंडोरी : डिंडोरी जिले के समनापुर विकासखंड अंतर्गत प्राथमिक शाला गौरा में पदस्थ सहायक अध्यापक राजकुमार कुशराम की आकस्मिक मृत्यु हो गई, राजकुमार के परिवार का पालन पोषण करने वाले वे ही एक मात्र सहारा थे। परिवार की आर्थिक स्थिति भी बेहद कमजोर है,
सरकार की ओर से अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों के लिए न तो बीमा का प्रावधान है और न ही पेंशन या अन्य किसी प्रकार की आर्थिक सहायता की।
ऐसी स्थिति में आमतौर पर महज चैटिंग और मसखरी के लिए उपयोग होने वाली सोशल साइट को विकासखण्ड के अध्यापकों ने अपने इस साथी की मदद का माध्यम बनाया।
विकासखण्ड में अध्यापकों का 1 सोशल साइट ग्रुप हैं जिन पर जुड़े अध्यापकों ने मैसेज के माध्यम से मृतक अध्यापक की मदद के लिए गुहार लगाई और देखते ही देखते करीब दो दर्जन अध्यापक सामने आए अब तक 10 हजार रुपए से अधिक की राशि ये लोग मृतक के परिवार को प्रदान कर चुके हैं और अभियान अब भी जारी है।
इस मदद के पीछे अध्यापकों का तर्क है कि हर चीज के लिए सरकार के भरोसे नहीं रहा जा सकता।
साथी के लिए उनका भी कुछ फर्ज था और शायद यह मदद परिवार के लिए इस घड़ी में एक बड़ा संवल बन सके।
पहले भी कर चुके हैं मदद
अध्यापकों द्वारा इस तरह की मदद का अभियान पहले भी चलाया जा चुका है पिछले वर्ष देवलपुर में रहने वाले अध्यापक प्रीतम जनदगनी की उल्टी दस्त से मौत हो गई थी। तत्समय भी अध्यापकों ने 21 हजार रुपए एकत्रित किए और पीड़ित परिवार को सौंपे। इसके अलावा 2011 में दानसिह ठाकुर की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी जो की मानपुर में पदस्थ थे इनके परिवार के लिए भी इस वर्ग ने 1 लाख रुपए की सहायता राशि जुटाई थी।
इस सहायता में इन अध्यापकों की रही मुख्य भूमिका ब्लाक अध्यक्ष सुनील शुक्ला,संभागीय सचिव घनश्याम पटेल, कोषाध्यक्ष रामकुमार यादव, संकुल अध्यक्ष दीपभान राठौर,उत्तम राजपूत,दयादास पड़वार,हरिओम गोप,एम.जंघेला,चंद्रप्रकाश बारमाटे,ज्ञान सिंह पट्टा,संतु मरकाम,राजेश मार्को,हुकुम सिंह वाटिया,टीकाराम यादव,राकेश नागेश आदि।
रिपोर्ट @ दीपक नामदेव