खंडवा : खंडवा से आठ किमी दूर सिहाड़ा गांव की शासकीय प्राथमिक बालक शाला के कक्षा चौथी के बच्चों का शौचालय साफ करते हुए वीडियो वायरल हुआ है। स्कूल में स्वीपर नहीं है इसलिए बच्चे ही शौचालय की सफाई करते हैं। वीडियो वायरल होने के बाद बच्चों के परिजन अब प्रधान पाठिका के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। परिजनों का कहना है कि बच्चें स्कूल पढ़ने जाते न की शौचालय साफ करने। प्रधान पाठिका इस पुरे मांमले को यह कहकर पल्ला झाड़ रही हैं कि बच्चें शौचालय में कीचड़ था तो बच्चों ने पानी डाल दिया। वहीं जिला कलेक्टर इस पुरे मामले को पॉजिटिव लेकर एक अच्छा काम बता रहीं हैं।
खंडवा के सिहाड़ा गांव की शासकीय प्राथमिक बालक शाला की प्रधान पाठिका छोटे बच्चों से स्कूल का शौचालय साफ करवाती हैं। उनकी इस हरकत का गांव के ही एक युवक ने वीडियो बना कर वायरल कर दिया। वीडियो वायरल होते ही बच्चों के परिजन नाराज हो गए। सिहाड़ा सहित ऐसे कई गांवों में स्कूलों की साफ-सफाई के लिए स्वीपर नहीं होने से स्कूलों बच्चे ही सफाई करते हैं। हालांकि प्रधान पाठिका गुलाब सोनी शौचालय पर सफाई देते हुए कहती हैं कि लांच ब्रेक में बच्चें शौचालय गए होंगे वहां कीचड़ था इस लिए उन्होंने पानी डाल दिया होगा। उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं हैं।
चौथी कक्षा में पढ़ने वाले जिन बच्चों का वीडियो वाइरल हुआ हैं वे टीचर के खौफ से इतने डरे हुए हैं कि वे इस बात को मानने को तैयर नहीं हैं कि उन्हें सफाई का कार्य करवाया जा रहा था। जबकि गांव वालों के मुताबिक प्रधान पाठिका बारी बारी से सभी बच्चों से सफाई करवाती हैं। बच्चें अब कह रहे हैं की जब वे शौचालय गए तो वहां कीचड़ था तो हमने पानी डाल दिया। जब कीचड़ साफ नहीं हो रहा था तो हमने झाड़ू से साफ कर दिया।
सफाई करने वाले बच्चों के परिजन विडियो सामने आने के बाद बेहद नाराज हैं। उनका कहना हैं कि हम बच्चों को पढाई के लिए भेजते हैं इस तरह से बच्चों से शौचालय साफ करना गलत हैं। परिजनों ने कहा कि हम प्रधान पाठिका के खिलाफ कार्यवाही की मांग करेंगे।
इधर जिला कलेक्टर तन्वी सुंदरियाल इस पुरे मामले को लेकर प्रधान पाठिका का पक्ष लेते हुआ कहा की अगर सफाई करवाई हैं तो अच्छा हैं उन्होंने कहा की मै नहीं समझती की सफाई करवाना लापरवाही का काम हैं। लेकिन उन्होंने ये भी कहा की अगर किसी एक जाति विशेष से ही शौचालय साफ करवाया जाता तो गलत होता लेकिन सभी बच्चे शौचालय क्या पुरे स्कूल परिसर को साफ करते हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं हैं। उन्होंने जापान का उद्धरण दे कर कहा की वहां के सारे बच्चें काम में लगे रहते है इसलिए उन्हें लगता है की ये स्कूल हमारा हैं। कलेक्टर तन्वी सुंदरियाल इस पुरे मामले को पॉजिटिव ले रही हैं वे इस मामले को अच्छा काम बताती हैं।