दिल्ली: हरियाणा के फरीदाबाद जिले के सुनपेड़ गांव में सवर्ण जाति के लोगों द्वारा एक दलित परिवार को आग लगाने के मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) करेगा। राज्य सरकार ने बुधवार को इसका ऐलान किया। इस वारदात में दलित परिवार के दो बच्चों की जलकर मौत हो गई थी। एक महिला की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के मीडिया सलाहकार अमित आर्या ने चंडीगढ़ में संवाददाताओं से कहा, “हरियाणा सरकार ने इस वारदात की सीबीआई जांच का आदेश दिया है।”
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को सुनपेड़ गए और जितेंद्र नाम के उस व्यक्ति से मुलाकात की जिसका घर जला दिया गया, जिसमें जलकर उसके दो बच्चे, चार साल का बेटा वैभव और आठ महीने की बच्ची दिव्या मर गए और पत्नी राधा अस्पताल में मौत से जंग लड़ रही है। राहुल ने कहा कि राज्य की खट्टर सरकार समाज के कमजोर तबकों को सुरक्षा देने में नाकाम रही है।
राहुल ने कहा कि आग लगाने वाला यह हमला ” भगवा नीतियों का नतीजा है। ” उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था नाकाम हो चुकी है और दलितों पर अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं।
राहुल ने कहा, “यह कमजोर की सरकार नहीं है। यह वह रवैया है जो प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और भाजपा-आरएसएस का है। अगर कोई कमजोर है तो उसे कुचल दो।”
दिल्ली से खबर है कि राहुल के गांव जाने पर भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग हुई।
कांग्रेस ने भाजपा की इस बात की निंदा की कि राहुल फोटो खिंचवाने (प्रचार हासिल करने) सुनपेड़ गए थे।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अधिक कोई और फोटो खिंचवाने का शौकीन नहीं है। जब कांग्रेस उपाध्यक्ष ने मदद का हाथ बढ़ाया तो जख्मों पर और चोट करते हुए भाजपा ने इसे फोटो खिंचवाने की कोशिश बता दिया।
नई दिल्ली में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जाति-धर्म के आधार पर कोई भेद नहीं होगा। इंडियन पुलिस फाउंडेशन और इंडियन पुलिस इंस्टीट्यूट के उद्घाटन के मौके पर राजनाथ ने कहा कि असहिष्णुता की मिल रही खबरें बेहद चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा कि वह दादरी, फरीदाबाद और पंजाब की घटनाओं के संदर्भ में लोगों से सदभाव की अपील कर रहे हैं।
उधर, फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में कैली गांव के पास प्रदर्शनकारियों ने दोनों बच्चों का शव रखकर फरीदाबाद- मथुरा सड़क पर जाम लगा दिया। उनका कहना था कि वारदात में शामिल सभी 11 लोगों को गिरफ्तार किया जाए और जितेंद्र को सरकारी नौकरी दी जाए।
राज्य सरकार ने इस मामले में 8 पुलिसवालों को निलंबित किया है।
पुलिस का कहना है कि चार आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मोहम्मद अकील ने गांव का दौरा किया है।
पुलिस का कहना है कि राज्य में कांग्रेस सरकार के समय हुई एक घटना में सवर्ण जाति के तीन लोगों की हत्या हुई थी। इस मामले में जीतेंद्र के परिवार के तीन लोग भी गिरफ्तार हुए थे। आगजनी की घटना इसी से जुड़ी हो सकती है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने दलित परिवार के बच्चों को जिंदा जलाकर मारने वाले हत्यारों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है।
माकपा नेता वृंदा करात ने कहा, “यह प्रशासन की विफलता है, जिसने दलित परिवार की शिकायत को नजरअंदाज किया और जिसके कारण दो मासूम बच्चों को जलाकर मार दिया गया।”
माकपा के प्रतिनिधिमंडल ने फरीदाबाद जिले के सुनपेड़ गांव में जाकर मासूम बच्चों के पीड़ित परिवार से मुलाकात की। वृंदा से जितेंद्र ने कहा, “मेरे बच्चों और मेरी पत्नी का क्या अपराध था?”
जितेंद्र का कहा, “मुझे न्याय चाहिए, लेकिन प्रशासन का रवैया हमारे खिलाफ पक्षपाती है।”
करात ने हरियाणा सरकार पर निशाना साधते हुए दलितों की शिकायतों को महत्व न देने का आरोप लगाया।
करात ने हरियाणा सरकार से सभी आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने के लिए भी कहा।
लखनऊ से खबर है कि उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने फरीदाबाद में दलित परिवार के बच्चों को जिंदा जलाए जाने की निंदा करते हुए हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग भी की।
मायावती ने बुधवार को एक बयान में कहा, “यदि इस मामले में दोषी लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो बसपा सड़कों पर उतरेगी।”
उन्होंने कहा, “देश को आजाद हुए वर्षो बीत गए और इस दौरान केंद्र व राज्यों में विभिन्न पार्टियों की सरकारें रही हैं, लेकिन अभी तक खासतौर से दलितों, शोषितों एवं जनजातीय समुदाय के लोगों पर अन्याय, अत्याचार व उत्पीड़न बंद नहीं हुआ।”