तेजस्वी ने ट्वीट किया है कि ’60 घोटालों के सृजनकर्ता नीतीश कुमार, भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह, दुर्दांत अपराधियों के संरक्षकर्ता, अनैतिक और अवैध सरकार के कमजोर मुखिया है। बिहार पुलिस शराब बेचती है। अपराधियों को बचाती है निर्दोषों को फंसाती है। CM को चुनौती देता हूँ- अब करो इस आदेश के तहत मुझे गिरफ्तार’
बिहार पुलिस की सोशल मीडिया पर मंत्रियों, विधायकों पर सोशल मीडिया में कुछ गलत लिखने पर कार्रवाई की चिट्ठी ने सियासी रंग ले लिया है। RJD ने इस मुद्दे पर सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ही हमला बोल दिया है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के अलावा RJD के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने भी मुख्यमंत्री नीतीश को निशाने पर लेकर तीखा वार किया है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया है। इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया का ही सहारा लिया है।
सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री नीतीश को घोटालेबाज और भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह कहते हुए गिरफ्तार करने की चुनौती दी है।
तेजस्वी ने ट्वीट किया है कि ’60 घोटालों के सृजनकर्ता नीतीश कुमार, भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह, दुर्दांत अपराधियों के संरक्षकर्ता, अनैतिक और अवैध सरकार के कमजोर मुखिया है। बिहार पुलिस शराब बेचती है। अपराधियों को बचाती है निर्दोषों को फंसाती है। CM को चुनौती देता हूँ- अब करो इस आदेश के तहत मुझे गिरफ्तार’
तेजस्वी इतने पर ही नहीं रुके। EOU के आईजी की चिट्ठी के साथ उन्होंने शुक्रवार को फौरन ही दूसरा ट्वीट भी दाग दिया। दूसरे ट्वीट में नीतीश को तेजस्वी ने हिटलर तक बता दिया।
इस ट्वीट में उन्होंने लिखा कि ‘हिटलर के पदचिन्हों पर चल रहे मुख्यमंत्री की कारस्तानियां, प्रदर्शनकारी चिह्नित धरना स्थल पर भी धरना-प्रदर्शन नहीं कर सकते, सरकार के खिलाफ लिखने पर जेल। आम आदमी अपनी समस्याओं को लेकर विपक्ष के नेता से नहीं मिल सकते। नीतीश जी, मानते हैं आप पूर्णत थक गए हैं लेकिन कुछ तो शर्म कीजिए।’
आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट किया है कि ‘हे बिहार सरकार! कहां ले जा रहे हैं बिहार को। आलोचना से इतना डर! जनादेश को शासनादेश से बदलने का नतीजा कुछ यूं होता है क्या? बकौल फैज: निसार मैं तेरी गलियों के ए वतन कि जहां चली है रस्म की कोई ना सर उठा के चले…’
विपक्ष के हमलों के बाद NDA की सहयोगी HAM ने तेजस्वी पर पलटवार भी कर दिया है। पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने ट्वीट किया है कि ‘सोशल मीडिया के जरिए कई दंगाई तत्व/संगठन समाज में आपसी भाईचारा खत्म करने पर तुले हैं, जिसका परिणाम सबको भुगतना पड़ रहा है। ऐसे तत्वों पर सरकार कारवाई कर रही है तो विपक्ष को इतना खौफ क्यों सता रहा है? ऐसा तो नहीं कि वही लोग सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करके दंगा फैला रहे हैं?’
सरकार के किसी मंत्री, सांसद, विधायक या सरकारी अफसर की छवि धूमिल के आरोप में पोस्ट लिखने वालों पर आइटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने इस बारे में सभी विभागों के प्रधान सचिव और सचिव को चिट्ठी लिखी है।
खत में बताया गया है कि अगर आपके विभाग में इस तरह का मामला सामने आता है तो आर्थिक अपराध इकाई को इसकी विस्तृत सूचना दी जाए ताकि दोषियों पर उचित कार्रवाई की जा सके। आर्थिक अपराध इकाई साइबर अपराध की नोडल एजेंसी है।
सोशल मीडिया पर अश्लीलता, साइबर बुलिंग, साइबर उत्पीड़न जैसे मामले आर्थिक अपराध इकाई के तहत आते हैं।