तिरुवनंतपुरम : केरल में मासिक पूजा के लिए भगवान अय्यप्पा का मंदिर बुधवार से खुल रहा है।
हालांकि, इससे पहले ही सबरीमाला मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार माने जाने वाले निलाकल में तनाव जोरों पर हैं।
मंगलवार को भक्तों ने ‘प्रतिबंधित’ उम्र वर्ग की महिलाओं को लेकर मंदिर की तरफ से जाने वाले वाहनों को रोक दिया। बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सभी उम्रवर्ग की महिलाओं के लिए इस मंदिर को पहली बार बुधवार से खोला जा रहा है।
रहाड़ी पर स्थित सबरीमाला मंदिर से लगभग 20 किलोमीटर दूर आधार शिविर निलाकल में परंपरागत साड़ी पहने महिलाओं के समूह को प्रत्येक वाहनों को रोकते देखा जा सकता है। इनमें वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हैं।
निजी वाहनों के अलावा श्रद्धालुओं ने केरल राज्य पथ परिवहन निगम की बसें भी रोकीं और उनमें से युवतियों को बाहर निकलने को कहा। जब इस तरह की घटनाएं हुईं, तब वहां बहुत कम पुलिसवाले तैनात थे।
सीएम ने कहा कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं
सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देने के बाद मचे बवाल पर केरल के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानेंगे।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा, ‘हम किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं देंगे। सरकार सबरीमाला मंदिर जाने वाले भक्तों की सुविधाओं का ध्यान रखेगी।’
सीएम ने आगे कहा, ‘सरकार मामले में पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेगी। हमने कोर्ट में कह चुके हैं कि आदेश को लागू किया जाएगा।’ बता दें कि बुधवार को मंदिर के दरवाजे खुलने हैं।
एक महिला आंदोलनकारी ने कहा, ‘प्रतिबंधित उम्र 10 से 50 साल आयु वर्ग की महिलाओं को निलाकल से आगे नहीं जाने दिया जाएगा और उन्हें मंदिर में पूजा भी नहीं करने दी जाएगी।’
मंदिर को मलयालम थुलाम महीने में पांच दिन की मासिक पूजा के बाद 22 अक्टूबर को बंद कर दिया गया था।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रही एक महिला ने मंगलवार को खुलेआम फांसी लगाने का प्रयास भी किया।
महिला ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी है, जो उनकी धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। महिला ने कहा कि वे लोग यह खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
आपको बता दें कि एकतरफ केरल सरकार जहां सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ खड़ी है, वहीं केंद्र की सत्ता पर काबिज बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और राज्य सचिवालय की ओर मार्च किया।
इस मार्च की अगुवाई करने वाले प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष पी एस श्रीधरन पिल्लई ने कहा, ‘हम केरल में हर ग्रामीण से मिलेंगे और सबरीमाला मंदिर, उसकी सदियों पुरानी परंपराओं और भगवान अयप्पा के अनुयायियों की संवेदना की रक्षा करने के लिए व्यापक जनांदोलन की योजना तैयार करेंगे।’