गोरखपुर– भाजपा के फायर ब्रांड नेता और सांसद महंत आदित्यनाथ ने बिहार के सीतामढ़ी में भगवान श्रीराम और लक्ष्मण के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस तरह का काम करते हैं।
गौरतलब है कि बिहार के सीतामढ़ी में डुमरी कला गांव निवासी अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह ने शनिवार को सीजेएम कोर्ट में भगवान राम और लक्षमण के खिलाफ परिवाद दायर किया है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि त्रेता युग में भगवान लक्ष्मण ने एक धोबी की बातों में आकर अपनी पत्नी सीता (मां जानकी) का परित्याग कर दिया। मामले में सोमवार को सुनवाई होगी जिसके बाद तय हो सकेगा कि कोर्ट मुकदमे को स्वीकार करता है या नहीं।
यह न्यायालय के कार्य को बाधित करके आम जान को न्याय से वंचित करने की कुत्सित चेष्टा भी है। इस तरह के लोगों पर भारी जुर्माना लगाने के साथ ही उन पर कड़ी करवाई होनी चाहिए।
कहा की जो लोग शास्त्रों के वास्तविक मर्म को नहीं समझते हैं, वे इस प्रकार की अनावश्यक बातों पर समय बर्बाद करते हैं। न्यायालय आमजन को न्याय देने के लिए बनाई गई है। इस प्राकार की फिजूल की बातों के लिए नहीं।
बता दें कि बिहार के सीतामढ़ी में डुमरी कला गांव निवासी अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह ने शनिवार को सीजेएम कोर्ट में भगवान राम और लक्षमण के खिलाफ परिवाद दायर किया है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि त्रेता युग में भगवान लक्ष्मण ने एक धोबी की बातों में आकर अपनी पत्नी सीता (मां जानकी) का परित्याग कर दिया।
कोई पुरुष अपनी पत्नी के खिलाफ इतना निष्ठुर कैसे हो सकता है, वो भी तब जब वह सभी सुखों का त्याग कर उनके साथ वनवास पर रही। चंदन सिंह के अनुसार मुकदमा दर्ज कराने का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं, मां सीता को न्याय दिलाना है।
परिवाद पत्र में चंदन सिंह ने लिखा कि सीता जी मिथिला की बेटी थी और सौभाग्य से वह भी मिथिला की धरती पर पैदा हुआ है। उन्हें लगता है कि भगवान राम ने मिथिला की बेटी के साथ न्याय नहीं किया इसलिए वह उन्हें न्याय दिलाना चाहता है। [अमर उजाला]