मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम के 13 दिन बाद भी राज्य में नई सरकार के गठन को लेकर असमंजस बरकरार है। भाजपा और शिवसेना में जहां सीएम पद को लेकर पेंच फंसा है, वहीं कांग्रेस-एनसीपी सावधानीपूर्वक अपनी चालें चल रहे हैं। शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने आज फिर कहा कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा।
राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बीच अबतक कोई बातचीत नहीं हुई है। राउत ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना विधायकों के साथ बैठक से पूर्व संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी और विपक्षी कांग्रेस एवं एनसीपी के विधायक पाला नहीं बदलेंगे।
Sanjay Raut,Shiv Sena: The Chief Minister will be from Shiv Sena. https://t.co/ebV8TSny18 pic.twitter.com/HjNfeAKvrG
— ANI (@ANI) November 7, 2019
राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि भागवत और ठाकरे के बीच अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है। यह पूछे जाने पर कि राज्य में सरकार गठन को लेकर बने गतिरोध के बीच क्या उनके विचार पार्टी के विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्होंने कहा कि मैंने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के विचारों को सामने रखा। दोनों दलों के सूत्रों ने बुधवार को कहा था कि दोनों दलों के बीच पीछे के दरवाजे से बातचीत चल रही है और सफलता मिलने की उम्मीद है।
वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और सुधीर मुनगंटीवार आज राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। इस बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी अपने निवास मातोश्री पर आज पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई है। इसमें कोई अहम निर्णय लिया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, उद्धव एनसीपी-कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाने की संभावनाओं की लाभ-हानि पर विधायकों से चर्चा करना चाहते हैं।
इस बीच सत्ता की एक चाबी अपने पास होने के बावजूद एनसीपी अपने पत्ते नहीं खोल रही है, जबकि कांग्रेस में आलाकमान के इनकार के बावजूद एक धड़ा चाहता है कि शिवसेना को समर्थन देकर उसकी सरकार बनवाई जाए। कांग्रेस नेता हुसैन दलवाई ने बुधवार को शिवसेना भवन में जाकर संजय राउत से मुलाकात की और बाहर आकर मीडिया से कहा कि अब भाजपा की सरकार किसी भी हाल में नहीं बनेगी। भाजपा से कहीं बेहतर शिवसेना है और भाजपा तथा शिवसेना के हिंदुत्व में भी फर्क है।
एनसीपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी चाहती है कि शिवसेना के साथ किसी भी तरह के समझौते से पहले उद्धव ठाकरे केंद्र सरकार में अपने इकलौते मंत्री अरविंद सावंत का पहले इस्तीफा दिलवाएं। इससे पहले पार्टी ने मंगलवार को साफ कहा था कि राज्य में उसी स्थिति में कोई वैकल्पिक गठबंधन बन सकता है जब शिवसेना पहले भाजपा से अपना गठजोड़ तोड़ने का एलान करे।
आरपीआई (आर) प्रमुख रामदास आठवले ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के अलावा शिवसेना के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। आखिर शिवसेना 56 विधायकों के साथ कैसे सरकार बनाएगी। यदि शिवसेना हमारे साथ नहीं आती है तो तब फडणवीस को राज्य में सरकार बनाने का खुद दावा पेश करना चाहिए।
संविधान विशेषज्ञ सुभाश कश्यप का कहना है कि नौ नवंबर तक नई सरकार न बनने पर राष्ट्रपति शासन लगे जरूरी नहीं। जब तक राज्यपाल को राष्ट्रपति शासन की जरूरत महसूस न हो, यह नहीं लग सकता।