नई दिल्ली : डिजिटल पेमेंट के तरीके और डिजिटल मनी, दोनों ही काफी आसान हैं, लेकिन यह ध्यान रखिए कि यह मुफ्त नहीं है। डिजिटल पेमेंट की कई सर्विसेस ऐसी हैं, जिनके लिए आपको फीस चुकानी पड़ती है।
नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार ने डिजिटल मनी, डिजिटल पेमेंट टूल्स और इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सिस्टम को प्रोत्साहन देना शुरू किया। भारतीय रिजर्व बैंक ने 10 सर्विसेस को प्रमोट करना शुरू किया।
उल्लेखनीय है कि 31 मार्च तक PPI, USSD और IMPS में एक निश्चित राशि के ट्रांजेक्शन पर कोई फीस नहीं लगाई जा रही है। लेकिन आगे भी नहीं यह नहीं लगेगी इसकी घोषणा सरकार या आरबीआई की तरफ से नहीं की गई है।
नोटबंदी के बाद से आप भी पेमेंट या फंड ट्रांसफर के लिए किसी न किसी टूल का प्रयोग तो कर ही रहे होंगे। यहां हम आपको इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट के तरीकों पर लग रही वर्तमान फीस के बारे में बता रहे हैं।
जब भी आप पॉइंट ऑफ सेल्स (PoS) टर्मिनल या स्वाइप मशीन पर डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान करते हैं तो सोचते होंगे कि यह मुफ्त सर्विस है। बिलकुल गलत। यह मुफ्त नहीं है बल्कि आपसे कार्ड की सालाना फीस के नाम एक रकम ली जाती है। सामान्यत: कार्ड के लिए ज्वॉइनिंग फीस 250 रुपए से शुरू होती हैं। कुछ कार्डों पर सालाना फीस के नाम पर 200 रुपए से लेकर 25000 रुपए तक चार्ज किए जाते हैं।
ये सर्विसेस हैं:
नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT)
रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS)
इमीडिएट पेमेंट सर्विस (IMPS)
चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS)
नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस (NACH)
यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI)
अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सर्विस डाटा (USSD)
डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड्स
प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) और
डेबिट कार्ड के लिए ज्वॉइंनिंग तथा सालाना फीस क्रेडिट कार्ड के मुकाबले कम होती है। डेबिट कार्ड को एटीएम मशीन पर भी उपयोग किया जाता है, जहां इसके मुफ्त ट्रांजेक्शन की संख्या सीमित है। जैसे ही ग्राहक अपनी मुफ्त ट्रांजेक्शन लिमिट को पूरा करता है उसे प्रति ट्रांजेक्शन फीस चुकानी पड़ती है, जो 15 से 25 रुपए तक होती है। कार्ड स्वाइप करने पर भी फीस लगती है, जिसे अधिकांशत: मर्चेंट द्वारा भरा जाता है। लेकिन कुछ मर्चेंट यह फीस ग्राहकों से वसूलते हैं।
आप मोबाइल या इंटरनेट बैंकिंग के जरिए फंड ट्रांसफर कर सकते हैं। नेट बैंकिंग के लिए लॉगिन करने पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन जब आप NEFT ट्रांजेक्शन करते हैं तो आपको 2.5 प्रतिशत या 25 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन के लिए चुकाना पड़ता है। वहीं RTGS ट्रांजेक्शन पर यह फीस 30 रुपए से 55 रुपए तक है। इस राशि के साथ ही आपको सर्विस टैक्स भी चुकाना होता है। वहीं अगर आप इस काम को UPI ऐप से करेंगे तो फिलहाल इस पर कोई फीस नहीं लगाई जाएगी। यूपीआई ऐप भी मुफ्त है, लेकिन उसे उपयोग करने के दौरान आपके मोबाइल का डेटा उपयोग करता है, जिसका भुगतान आपको ही करना पड़ता है।
अगर आपके पास स्मार्टफोन नहीं है, तब भी आप इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सर्विस का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए नेशनल यूनिफाइड यूएसएसडी प्लेटफॉर्म (NUUP) बनाया गया है। इससे आप मनी ट्रांसफर तथा रिसीव कर सकते हैं। साथ ही अकाउंट बैलेंस चेक करना व मिनी स्टेटमेंट हासिल करने जैसा काम भी किया जा सकता है। इस सर्विस का उपयोग करने के लिए आपके पास एक मोबाइल फोन तथा बैंक में खाता होना आवश्यक है। आपको बैंक में अपना मोबाइल नंबर अपडेट करवाना होगा। इस सर्विस को बिना इंटरनेट के उपयोग किया जाता है।
वहीं UPI ऐप IMPS प्लेटफॉर्म पर काम करता है, इसलिए इससे होने वाले ट्रांजेक्शन तुरंत होते हैं। फिलहाल यूपीआई का उपयोग पूरी तरह से मुफ्त है, लेकिन आगे चलकर आपको इसके लिए भुगतान करना पड़ सकता है।