महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में गौरक्षकों की कथित पिटाई का मामला सामने आया है। शनिवार की शाम 50 लोगों की भीड़ ने श्रीगौंडा पुलिस स्टेशन के पास कुछ गौरक्षकों पर हमला कर दिया। हमला तब किया गया जब कुछ देर पहले ही इन गौरक्षकों ने पुलिस के साथ मिलकर गायों को वध के लिए कसाईखाने ले जाने के शक में एक टेंपो वाले को रोका था।
अहमदनगर पुलिस ने बताया कि हमले में सात गौरक्षक घायल हुए हैं। पुलिस ने हत्या की कोशिश का मामला दर्ज कर लिया है। टेंपो के मालिक वाहिद शेख और ड्राइवर राजू फितरूभाई शेख को महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है।
‘मानद पशु कल्याण अधिकारी’ होने का दावा करने वाले पुणे के शिवशंकर राजेंद्र स्वामी ने कहा कि हर शनिवार को कश्ती गांव में जानवरों का प्रसिद्ध बाजार लगता है। वो और 11 गौरक्षकों की एक टीम शनिवार सुबह श्रीगोंडा तालुका यह पता करने आए थे कि इस बाजार में गायों को अवैध रूप से तो नहीं लाया जाता। 24 साल के स्वामी पुणे में गायों की अवैध ढुलाई और वध को लेकर दर्ज किए गए करीब 300 मामलों में शिकायतकर्ता हैं।
स्वामी ने बताया, “हमें जानकारी मिली थी कि एक टेंपो गायों की अवैध तस्करी करता है। हमने पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस की सहायता से उस टेंपो को शाम करीब एक बजे होटल तिरंगा के पास रोक लिया गया। 10 बैल और 2 गायों को बचाया गया। इन्हें अवैध तरीके से हमलावाड़ा के कसाईखाने ले जाया जा रहा था। बाद में हम पुलिस शिकायत दर्ज कराने श्रीगोंडा पुलिस स्टेशन चले गए। भूख लगी थी इसलिए बाहर खाना खाने आए थे, तभी कुछ लोगों की भीड़ हथियार लेकर वहां आ धमकी। हम फिर से पुलिस थाने चले गए।”
स्वामी के मुताबिक शाम को करीब 6 बजे 50 लोगों की भीड़ हथियार और पत्थर के साथ आई और उनपर हमला कर दिया। इसमें कई कार्यकर्ता घायल हो गए। स्वामी ने आरोप लगाया कि हमलावर सोने की चैन भी छीनकर ले गए।