खंडवा- खंडवा नगर निगम द्वारा अमृत जल योजना के नाम पर पचास करोड़ रुपया खंडवा शहर के डिस्ट्रिब्यूशन पाइप लाइन के लिए मध्य प्रदेश शासन द्वारा स्वीकृत किया गया ! जबकि मध्य प्रदेश शासन और केंद्र शासन के द्वारा 106 करोड़ रूपये की नर्मदा जल योजना विस्तृत प्राकलन के साथ स्वीकृत की गई थी ! और उसके बाद वह योजना भी विवादों एवं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी ये सब खंडवा नगर की जनता ने देखा है ! इसके बाद पचास करोड़ रुपया मध्य प्रदेश शासन द्वारा डिस्ट्रिब्यूशन पाइप लाइन हेतु स्वीकृत किया जाना शासन के खजाने पर सीधा सीधा डाका डालने का काम हो रहा है !
आरटीआई कार्यकर्त्ता एवं पूर्व एल्डरमेन जगन्नाथ माने ने मध्य प्रदेश शासन एवं नगर निगम खंडवा के अधिकारीयों पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पचास करोड़ रुपया नर्मदा जल योजना के ठेकेदार विश्वा कंपनी को सीधे सीधे लाभ पहुँचाने का काम कर रहे हैं क्योंकि नर्मदा जल योजना आने के बाद आडिट विभाग द्वारा आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा था कि किसी भी प्रकार का नगर निगम संस्थागत व्यय नहीं करेगी ! जिसके कारण पार्षदों को अपने स्वयं के वार्ड में एक फूट पाइप भी नगर निगम इसलिए उपलब्ध नहीं कराती थी क्योंकि जल वितरण का संचालन एवं संधारण विश्वा कंपनी को जन्यनिजी भागीदारी के अंतर्गत दे दिया गया है ! अब इसके पश्चात् सम्पूर्ण जल वितरण की जिम्मेदारी विश्वा कंपनी की होती है इसके बावजूद पचास करोड़ रूपये शासन द्वारा स्वीकृत करना दुर्भाग्यपूर्ण है !
जगन्नाथ माने ने मध्य प्रदेश शासन एवं खंडवा महापौर से मांग की है कि यह पचास करोड़ रुपया अगर रिंग रोड एवं यातायात नगर के लिए लिया जाता तो ज्यादा उचित होता ताकि खंडवा शहर की जनता को आवागमन एवं पर्यावरण के प्रदुषण से राहत मिलती इस लिए आप से निवेदन है कि इस निर्णय पर पुनः विचार करें ! ताकि शहर का चहु मुखी सम्पूर्ण विकास हो अन्यथा जनहित में एवं जनता की गाढ़ी कमाई के दुरूपयोग को रोकने के लिए माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जायेगा !