फाजिल्का- नाबालिग लड़की से रेप के मामले में गिरफ्तार करने आई फाजिल्का पुलिस ने एक ही नाम के दो आदमियों के नाम की ग़लतफ़हमी के चलते 47 वर्षीय विक्रम को गिरफ्तार कर ले जाने लगे जबकि यह विक्रम बेकसूर था उसने लाख दुहाई दी कि वह किसी ऐसे मामले में शामिल नहीं है लेकिन पुलिस अपनी ही जिद पर अड़ी रही और सिर्फ मिलते जुलते नाम के कारण उसकी अच्छी तरह से पिटाई भी कर दी जिससे यह विक्रम बुरी तरह से घायल हो गया परिवार वालों को उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा । .
पूरा मामला यह था के फाज़िलका के एक गांव की नाबालिक लड़की को फाज़िलका के लक्ष्मी नारायण मन्दिर वाली गली निवासी बहला फुसला कर अपने साथ ले गया था और लड़की से 2 दिन बलात्कार करने के बाद लड़की को घर छोड़ गया जिसकी शिकायत लड़की के परिवारिक सदस्यों ने नगर थाना में शिकायत दर्ज करवाई और पुलिस ने अपनी तरफ से मुस्तैदी दिखाते हुए तुरंत आरोपी को पकड़ने के लिए आरोपी विक्रम के घर दबिश दी और उसे गिरफ्तार कर अपने साथ ले जाने लगे लेकिन संयोगवश विक्रम नाम के 2 आदमी एक ही गली में आस पड़ोसी थे और पुलिस बिना तफ्तीश किए बेक़सूर विक्रम के घर घुस गई और उससे जोर जबरदस्ती कर उसको अपने साथ थाना ले गई !
इस सारे प्रकरण के दौरान 47 वर्षीय विक्रम सेठी को काफी चोट लगी और आत्मग्लानि भी महसूस हुई सो पुलिस की इस तरह बिना तफ्तीश किए सिर्फ नाम मिलने पर ही उसे बेइज्जत और पुलिस के हाथो पिटना भी पड़ा सो घायल हुए विक्रम सेठी की पुलिस के उच्च अधिकारिओ से मांग है कि ऐसे पुलिस अधिकारियो को तुरंत बर्खास्त किया जाए और बेइज्जत होने के चलते अगर वो अपनी जान गवा दे तो इन पुलिस अधिकारियो पर क़ानूनी कार्यवाई की जाए।
वहीँ बलात्कार का शिकार हुई लड़की और उसके परिजनों ने बताया कि हमे मालूम हुआ था कि आरोपी इसी गली में रहता है सो हमने पुलिस को यह घर दिखाया था !
वहीँ पुलिस रेड करने पहुंचे पुलिस अधिकारी बंता सिंह ने अपने पर मारपीट के आरोपों को नकारते हुए बताया के नाबालिक लड़की से बलात्कार की घटना की जानकारी मिलते ही हमने तफ्तीश के दौरान विक्रम नाम के आदमी पर मामला दर्ज कर उसकी तलाश जारी की तो लड़की के परिजनों ने हमे अनजाने में इस विक्रम सेठी का घर दिखाया सो हमने इस विक्रम सेठी को थाना ले जाने के लिए थोड़ी बहुत धकाः मुकी जरूर हुए पर कोई मारपीट जैसी घटना नहीं हुई गलती जरूर हुई है मेरी इनसे कोई निजी दुश्मनी नहीं है मेने तो यही कहा था के हमारे साथ थाना चलो अगर बेक़सूर हुए तो तुम्हे छोड़ दिए जाएगा।
एक तरफ़ जहां सरकार की सख्त हदायतो पर पुलिस और पब्लिक में नजदीकी बनाने के लिये गांव से लेकर शहर के मोहल्लों में बैठके की जाती है व्ही कुछ पुलिस मुलाजिमों की गलती पर पूरे पुलिस विभाग को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है और आम जनता में भी पुलिस के प्रति गलत प्रभाव पड़ता है ऐसे में पुलिस के उच्च अधिकारियों को चाहिए कि ईस तरह के मुलाजिमों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें ताकि किसी एक मुलाजिम की गलती से पूरे पुलिस विभाग का सिर नीचा ना हो ।
रिपोर्ट- @इन्द्रजीत सिंह