नई दिल्ली: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए 27 मार्च से वोटिंग शुरू हो जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतरी बीजेपी बेहद उत्साहित है। दक्षिण के राज्य केरल में छह अप्रैल को वोटिंग होगी। अन्य राज्यों की तरह केरल को लेकर भी बीजेपी को काफी उम्मीदें हैं। बीजेपी की इन उम्मीदों को पार्टी के ही बड़े नेता से झटका लगा है।
केरल बीजेपी के बड़े नेता ओ राजगोपाल ने अंग्रेजी अखबार से इंटरव्यू में जो बयान दिया है, वो पार्टी के लिए तो नुकसान दायक है ही साथ ही विरोधियों ने भी इसे हाथों हाथ लिया है। ओ राजागोपाल ने कहा है कि केरल दूसरे प्रदेशों से अलग है, यहां ज्यादा शिक्षा होने की वजह से लोग बीजेपी को वोट नहीं देते।
इंडियन एक्सप्रेस में इंटरव्यू के दौरान राजागोपाल से पूछा गया कि बीजेपी केरल में अपना राजनीतिक स्थान बनाने में सक्षम क्यों नहीं है । हरियाणा और त्रिपुरा में पार्टी की कोई जमीन नहीं थी लेकिन सरकार बना ली। बंगाल में भी बेहद कम समय में मेजर प्लेयर बन गयी है।
इस सवाल के जवाब में राजगोपल ने कहा, ”केरल अलग तरह का प्रदेश है. दो-तीन प्रमुख कारण हैं। केरल की साक्षरता दर 90 फीसद है। यहां के लोग सोचते हैं, तार्किक हैं। ये शिक्षित लोगों की आदतें हैं। दूसरी बात यह कि केरल में 55 फीसद हिंदू हैं और 45 फीसद अल्पसंख्यक हैं। हर कैलकुलेशन में ये चीज़ आती है। ऐसे में केरल की तुलना किसी और राज्य से नहीं की जा सकती है। यहां की स्थिति अलग है। लेकिन हम लगातार बेहतर करते हुए आगे बढ़ रहे हैं।”
राजगोपाल के बयान को विरोधियों ने तुरंत लपक लिया। तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने लिखा, ”यह अद्भुत है कि मेरे अच्छे दोस्त और पूर्व प्रतिद्वंद्वी ओ राजगोपाल ने इंडियन एक्सप्रेस में मनोज के साथ इंटरव्यू में इस बात को खुलकर कहा। एक आधिकारिक बीजेपी सूत्र ने माना कि केरल के लोग बीजेपी को इसलिए वोट नहीं देते क्योंकि वे शिक्षित हैं और सोच सकते हैं।”