नई दिल्ली [ TNN ] केंद्र सरकार ने सरकारी वित्तीय कंपनियों को उपहार न बांटने का आदेश दिया है, लेकिन उसी सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी वोटरों को साड़ियां बांट रही हैं। आप इसे दिवाली का तोहफा कह लें या वोटरों को लुभाने की कोशिश!
स्मृति इरानी ने 1500 साडियां सूरत से मंगवाई और उन्हें अमेठी भिजवाया गया। वहां स्मृति के प्रतिनिधियों ने उन्हें महिलाओं में बंटवाया। अभी भी 2500 साडियां स्टॉक में रखी हुईं हैं, जिन्हें दूर-दराज के इलाको में बांटा जाना है।
उल्लेखनीय है कि स्मृति इरानी ने अमेठी से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था। वह चुनाव जीत नहीं पाई थी, लेकिन राहुल गांधी की जीत का अंतर कम करने में कामयाब रही थी। अमेठी में अब भी वह सक्रिय दिखने की कोशिश करती रहती हैं।
अमेठी में स्मृति इरानी के प्रतिनिधि विजय गुप्ता ने बताया कि उन्होंने 12000 साड़ियां बांटने की योजना बनाई थी। हालांकि 1500 साड़ियां बांटने का फैसला किया गया। 2500 साड़ियां अब भी स्टॉक में रखी हैं।
गुप्ता ने बताया कि साड़ियां उन गांवों की महिलाओं को दी गई हैं, जहां से स्मृति को अधिक वोट मिले थे। गौरीगंज, तिलोई, जगदीशपुर, अमेठी और सालोन क्षेत्र के एक-एक गांव में साड़ियां बांटी गई हैं।
गुप्ता ने बताया कि साड़ियों को पसंद स्मृति ने ही किया है और ये टेक्सटाइल मिलों से सीधे मंगाई गई हैं। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि ये साड़ियां किस मिल से मंगाई गई हैं। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि साडियां सूरत से मंगाई गई हैं।
भाजपा सूत्रों का ये भी कहना है कि साड़ियों को दशहरा पर ही बांटा जाना था लेकिन बाद स्मृति ने तय किया कि इन्हें दिवाली पर बांटा जाय। दिवाली के तोहफे को 2019 लोकसभा चुनावों की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। पिछले चुनावों में स्मृति, राहुल गांधी से 1.07 लाख वोटों से हार गई थी।
स्मृति इरानी के तोहफे बांटे जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या प्र्रतिक्रिया देंगे, इसका सभी को इंतजार है। पिछले दिनों ऐसी खबरें आई थीं कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को तोहफे बांटने के कारण ही डांट पिला दी थी।