सरकार ने अब मोबाइल नंबर को आधार से लिंक करना जरूरी कर दिया है। अगर दोनों को लिंक नहीं करेंगे तो एक निश्चित तारीख के बाद नंबर बंद कर दिया जाएगा। अगर आपने अभी तक लिंक नहीं किया तो कर लीजिए, नहीं तो 28 फरवरी 2018 के बाद आपका नंबर बंद कर दिया जाएगा। मोबाइल नंबर में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आधार कार्ड को जरूरी किया जा रहा है।
इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि वह एक साल के अंदर सौ करोड़ से ज्यादा वर्तमान और आगामी मोबाइल टेलिफोन उपभोक्ताओं की पहचान स्थापित करने की व्यवस्था करे। कोर्ट ने आदेश दिया था कि सत्यापन के लिए यूजर्स के सिम कार्ड को उनके आधार से लिंक कर दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट NGO लोकनीति की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार और ट्राई को ये निर्देश दिए जाएं कि मोबाइल सिम धारकों की पहचान, पता और सभी डिटेल उपलब्ध हों।
कोई भी मोबाइल सिम बिना वैरिफिकेशन के न दी जाए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा था। अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि इसके लिए सहमत है, लेकिन मोबाइल फोन यूजर्स की संख्या लगभग 105 करोड़ है, इस प्रक्रिया में समय लगता है। इसके अलावा, 90% से ज्यादा यूजर्स प्री-पेड कनेक्शन का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन अब ऐसा मैकेनिज्म लाया जा रहा है जिससे इन मोबाइल सिम को भी आधार से जोड़ा जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि मोबाइल सिम कार्ड रखने वालों के वेरिफिकेशन के लिए क्या तरीका है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस खेहर ने कहा था कि मोबाइल सिम कार्ड रखने वालों की पहचान न हो तो यह धोखाधड़ी से रुपये निकालने के काम में इस्तेमाल हो सकता है।
सरकार को जल्द ही पहचान करने की प्रक्रिया करनी चाहिए, वहीं केंद्र की ओर से कहा गया था कि इस मामले में उसे हलफनामा दाखिल करने के लिए वक्त चाहिए।