डिंडौरी : डिंडौरी जिले में एक जीवित व्यक्ति को अपने जीवित होने का प्रमाण देने के लिए डिंडौरी से लेकर भोपाल तक जाना पड़ा। लेकिन सिस्टम का सितम देखिये बेचारे को वहा से भी बेरंग हो कर वापस घर लौटना पड़ा। उसने जिला कलेक्टर से लेकर प्रदेश के मुखिया तक गुहार लगाई की वह जीवित है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई अंततः उसने मुख्यालय पहुच कर पुलिस अधीक्षक से मृत घोषित करने वाले अधिकारी के खिलाफ लिखित शिकायत कर कार्यवाही की मांग कर डाली। और उसके बाद भी कार्यवाही नहीं होती तो वह मरने को मजबूर हो जायेगा। वही पीढित व्यक्ति के समर्थन में गौडवाना पार्टी सड़को में आने को तैयार है ?
दरअसल पूरा मामला डिंडौरी जिले के मेहदवानी विकासखंड के सारसडोली गाव का है। यहाँ के निवासी बलराम प्रसाद साहू ने 25 मई 2017 को जिला कलेक्टर को शिकायत की थी की मेहदवानी के नायब तहसीलदार को सीमांकन करने और कब्ज़ा कटवाने की शिकायत की थी जिस पर नायब तहसीलदार शैलेश गौर ने उस मामले में विपरीत आदेश पारित कर उसे जमीन से बेदखल कर मृत घोषित कर दिया। दस्तावेज में मृत घोषित की जानकारी लगते ही भूमि स्वामी बलराम प्रसाद सखते में आ गया और कलेक्टर को शिकायत करते हुए समस्त दस्तावेज संलग्न कर आवेदन दिया। यही नहीं जिला से न्याय न मिलने के बाद उसने भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास भी अपनी गुहार लगाई लेकिन वहा से भी उसे न मालिकाना भूमि मिली और न ही जीवित होने का प्रमाण ?
वही सभी जगह से हार कर बलराम प्रसाद साहू ने पुनः कलेक्ट्रेट पहुच कर पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद से उस नायब तहसीलदार के खिलाफ लिखित शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है। जानकारी लगने के बाद जिला की गौडवाना गणतंत्र पार्टी पीढित के साथ न्याय की मांग की है और मांग नहीं माने जाने पर सड़को पर उतर कर आन्दोलन की बात कही है। वही इस पुरे मामले ने पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद ने जांच कर कार्यवाही की बात कही है।
जिले में जीवित व्यक्ति को मृतघोषित करना ये कोई पहला मामला नहीं है ,वही देखने वाली बात होगी की लापरवाह के खिलाफ अब आगे क्या कार्यवाही होगी ?या फिर जीवित बलराम प्रसाद को जीवन भर मृत तमगे के साथ जीने को मजबूर होना पड़ेगा।
रिपोर्ट @दीपक नामदेव