वो 3 कमियां जो राहुल द्रविड़ को बनाती हैं बेकार कोच, सुधारनी ही होंगी ये गलतियां
Indian Crickete Team Head Coach Rahul Dravid: द्रविड़ जब भारतीय टीम से खेला करते तो हमेशा एक डिफेंसिव और सुरक्षित बल्लेबाज माने जाते, उनकी कोचिंग में भी यही स्टाइल झलकता है। अब यह अंदाज भारतीय टीम पर भारी पड़ रहा है। एग्रेसिव अप्रोच के बिना टीम का भला होता नहीं दिख रहा
Rahul Dravid Coach: वो 3 कमियां जो राहुल द्रविड़ को बनाती हैं बेकार कोच, सुधारनी ही होंगी ये गलतियां
जब पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप के बाद हेड कोच राहुल द्रविड़ ने टी-20 वर्ल्ड कप के बाद रवि शास्त्री की जगह ली थी तो उनसे काफी उम्मीदें थीं। शुरुआती दिन जरूर थोड़े आसान रहे। न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज और श्रीलंका को घरेलू सीरीज में हार मिली। मगर फिर डगर कठिन होती चली गईं। इंग्लैंड के खिलाफ रिशेड्यूल किया गया फाइनल टेस्ट। एशिया कप 2022, टी-20 वर्ल्ड कप में हार के बाद बांग्लादेश दौरे पर भी मुंह की खानी पड़ी। टीम इंडिया के लचर प्रदर्शन को लेकर कप्तान रोहित शर्मा के अलावा कोच द्रविड़ की भी काफी आलोचना हो रही है। भारतीय क्रिकेट में क्या गलत हो रहा है इस बहस के बीच, हम टीम के हेड कोच के रूप में द्रविड़ की इन असफलताओं के पीछे तीन कारणों का विश्लेषण करते हैं।
#1. कोर टीम को एक साथ रखने में असमर्थता
इसी कारण के चलते बीते कुछ साल में भारतीय टीम संघर्ष करते नजर आती है। बतौर कोच द्रविड़ अपनी कोर टीम तलाशने में ही असफल नजर आए। मानो वो जानते ही नहीं कि उनके मेन 11 खिलाड़ी कौन हैं, जो बड़े मैच में खेलेंगे। एक मैच में किसी को मौका देना तो अगले मुकाबले में उसे बाहर कर नए खिलाड़ी आजमाना, द्रविड़ को इस बुरी आदत से बचना होगा। खिलाड़ियों के एक कोर ग्रुप को एक साथ मैनेज न कर पाना ही उनकी असफलता का बड़ा कारण है।
#2. कोई रोडमैप नहीं
आराम, वापसी, आराम, वापसी! बीते 6 महीने में भारतीय क्रिकेट टीम की यही कहानी रही है। यहां तक कि कई बड़े नाम हर दूसरी सीरीज में आराम कर रहे हैं। टी-20 वर्ल्ड कप के पहले से जारी ये जादू अब भी बदस्तूर जारी है। रोहित-विराट-राहुल को न्यूजीलैंड टूर पर आराम दे दिया गया। खुद कोच द्रविड़ भी छुट्टी मना रहे थे। वीवीएस लक्ष्मण ने उनकी जगह जिम्मेदारी संभाली। भारत की बी टीम न्यूजीलैंड से हार गई। बांग्लादेश दौरे पर सारे दिग्गज गए तो जरूर, लेकिन यहां भी मुंह की खानी पड़ी। रोहित-द्रविड़ कार्यकाल में भारतीय क्रिकेट बिना किसी स्पष्ट रोडमैप के आगे बढ़ रहा है। पिछले कुछ महीनों में भारत को डेब्यू कराने वाले खिलाड़ियों की संख्या पर नजर रखना मुश्किल हो गया है। भारतीय क्रिकेट अभी बिना रिंगमास्टर के एक बड़े सर्कस की तरह लगता है।
#3. प्लेयर्स को फिट नहीं रख पा रहे
टीम इंडिया के प्रमुख खिलाड़ी चोट और फिटनेस के चलते बडे़ टूर्नामेंट से बाहर हो रहे हैं। ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने एशिया कप के बाद से कोई मैच नहीं खेला है। प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह भी पीठ की चोट के कारण टी-20 विश्व कप से बाहर रहे थे और अभी भी बाहर ही हैं। मोहम्मद शमी कोविड-19 से उबरने के बाद विश्व कप में खेले, लेकिन फिर से कंधे में जकड़न की समस्या से जूझ रहे हैं। बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज नहीं खेले और अब टेस्ट खेलना भी संदिग्ध है। इतना ही नहीं रोहित के साथ-साथ तेज गेंदबाज कुलदीप सेन और दीपक चाहर फिर फिटनेस से जूझ रहे हैं। द्रविड़ और रोहित को एनसीए के कोचों के साथ बैठना होगा और पता लगाना होगा कि इतने सारे खिलाड़ी चोटिल क्यों हो रहे हैं?