दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में दो सैन्यकर्मी शहीद हो गए और एक कैप्टन समेत तीन अन्य घायल हो गए। पुलिस ने शनिवार रात यह जानकारी दी। वहीं पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास भारतीय चौकियों पर पाकिस्तानी सैनिकों के शनिवार शाम बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की। इसमें सेना का एक जवान शहीद हो गया। गोलीबारी में एक महिला की मौत हो गई।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने जिले के जैनापोरा इलाके के अवनीरा गांव में आतंकवादियों की उपस्थिति की सूचना मिलने के बाद शनिवार को इलाके को घेरा और तलाशी अभियान चलाया। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बल जब तलाशी ले रहे थे तब तंक आतंकवादियों ने उन पर गोली चलाई। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई के बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि गोलबारी में पांच जवान घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए सेना के बेस अस्पताल ले जाया गया जहां दो जवानों ने दम तोड़ दिया।
पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में मध्य प्रदेश निवासी नायब सूबेदार जगराम सिंह तोमर (42) गंभीर रूप से जख्मी हो गए और बाद में उनकी मृत्यु हो गई। पाकिस्तानी सेना द्वारा पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास सीमावर्ती गांवों और भारतीय चौकी को निशाना बनाकर की गई गोलीबारी में 40 साल की एक महिला की मौत हो गई।
वहीं केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास शनिवार को बारूदी सुरंग में विस्फोट होने से सेना का जवान अक्षय कुमार घायल हो गया। जबकि कुपवाड़ा जिले में आतंकवादियों ने सेना के एक कैंप पर गोलीबारी की जिसमें एक जवान घायल हो गया। 17 जम्मू कश्मीर लाइट इंफैंट्री (जेएककेएलआइ) के घायल जवान सुनील रंधावा की हालत स्थिर बताई गई है।
दूसरी ओर संविधान के अनुच्छेद 35 ए को कानूनी चुनौती के खिलाफ अलगाववादियों के बंद के कारण शनिवार को कश्मीर में जनजीवन प्रभावित हुआ। रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तानी सैनिकों ने शाम पांच बजे भारतीय चौकियों पर अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। उन्होंने कहा, ‘भारतीय सेना ने मजबूती से और प्रभावी रूप से जवाब दिया।’
प्रवक्ता ने बताया कि गोलीबारी में मध्यप्रदेश निवासी नायब सूबेदार जगराम सिंह तोमर (42) गंभीर रूप से जख्मी हो गए और बाद में उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने कहा कि तोमर मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के तरसाना गांव के रहने वाले थे और उनके परिवार में पत्नी ओमवती देवी, एक बेटा और एक बेटी है। उन्होंने कहा, ‘वह बहादुर और निष्ठावान सैनिक थे। देश की सेवा में शहादत देने के लिए राष्ट्र हमेशा उनका आभारी रहेगा।’
पुंछ जिले में घटी घटना के बारे में अधिकारियों ने जानकारी दी। रक्षा प्रवक्ता ने बताया, ‘पाकिस्तानी सेना ने बिना उकसावे के एलओसी के पास पुंछ सेक्टर में सुबह करीब सवा पांच बजे छोटे व स्वचालित हथियारों से अंधाधुंध गोलीबारी की और मोर्टार के गोले दागे।’ सीमा चौकियों पर तैनात भारतीय सेना के जवानों ने इसका जोरदार और प्रभावी ढंग से जवाब दिया। उन्होंने बताया कि छह बज कर 64 बजे दोनों ओर से गोलीबारी थम गई।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह करीब पांच बजकर 20 मिनट पर सीमा पार से दागे गए मोर्टार के गोले गोहलाद कलरान गांव में रहने वाले मोहम्मद शबीर के घर के निकट गिरे, जिसमें विस्फोट होने से शबीर की पत्नी राकिया बी की मौत हो गई। आठ अगस्त को पुंछ जिला के कृष्णाघाटी सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की ओर से की गई गोलीबारी और गोलाबारी में सिपाही पवन सिंह सुगरा (21) शहीद हो गए थे।
इस साल एक अगस्त तक पाकिस्तानी सेना द्वारा संघर्षविराम उल्लंघन की 285 घटनाएं हुई हैं। 2016 में यह आंकड़ा 228 से काफी कम था। वहीं केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास शनिवार को बारूदी सुरंग में विस्फोट होने से सेना का एक जवान घायल हो गया। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुबह केरन सेक्टर में बलबीर चौकी के निकट विस्फोट होने से राइफलमैन अक्षय कुमार घायल हो गया। घायल जवान को उपचार के लिए सेना के 92 बेस अस्पताल लाया गया। जवान की हालत स्थिर बताई जा रही है।
कुपवाड़ा जिले में आतंकवादियों ने सेना के एक कैंप पर गोलीबारी की जिसमें एक जवान घायल हो गया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों ने रात में कालारूस इलाके में सेना की इमारत पर गोलियां चलाईं। इसमें 17 जम्मू कश्मीर लाइट इंफैंट्री (जेएककेएलआइ) के सुनील रंधावा घायल हो गए। घायल जवान को द्रगमूला के एक सैन्य अस्पताल ले जाया गया जहां पर डॉक्टरों ने उसकी हालत स्थिर बताई। आतंकवादियों को पकड़ने के लिए सेना और पुलिस ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
वहीं संविधान के अनुच्छेद 35 ए को कानूनी चुनौती के खिलाफ अलगाववादियों के बंद के कारण शनिवार को कश्मीर में जनजीवन प्रभावित हुआ। अलगावादियों ने इस अनुच्छेद को कानूनी चुनौती देने को मुसलिम बहुसंख्यक जम्मू कश्मीर में आबादी की संरचना को बदलने वाला कदम बताया है। संविधान के अनुच्छेद 35 ए के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर में आवास संबंधी नियमों की व्याख्या की गई है। यह अनुच्छेद किसी भी बाहरी व्यक्ति को राज्य में अचल संपत्ति खरीदने या राज्य सरकार की नौकरियों के लिए आवेदन करने से रोकता है।
अधिकारियों ने बताया कि स्कूल, कॉलेज, दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और निजी कार्यालय बंद रहे। उन्होंने बताया कि अधिकांश सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति काफी कम रही। उन्होंने बताया कि कश्मीर के अधिकांश हिस्सों में बस सड़कों से नदारद रहीं, इक्का-दुक्का निजी वाहन ही नजर आए। अधिकारियों ने पांच थाना क्षेत्रों के अंतर्गत इलाकों में हिंसक विरोध प्रदर्शन की आशंका से लोगों की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी।
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी और उदारवादी दोनों धड़े और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) ने पूर्ण बंद का आह्वान किया है। उन्होंने बताया कि अनुच्छेद 35 ए के खिलाफ याचिका मुसलिम बहुल राज्य की आबादी की संरचना को बदलने की योजना का हिस्सा है। अलगाववादियों ने बताया कि यह बंद भारतीय बलों के हाथों कश्मीरी लोगों की लगातार की जा रही हत्याओं के विरोध में भी है।
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 35 ए को हटाए जाने की मांग को लेकर एक एनजीओ की एक रिट याचिका पर केंद्र से तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा था। याचिका में कहा गया था कि राज्य को विशेष स्वायत्त दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 35 ए और अनुच्छेद 370 की आड़ में राज्य सरकार गैर-निवासियों के साथ भेदभाव कर रही है जिनके संपत्ति खरीदने पर रोक है। उन्हें ना तो राज्य सरकार की नौकरी मिल सकती है और ना ही उन्हें स्थानीय चुनावों में मतदान करने का अधिकार है।