आगरा : आगरा में सोमवार सुबह बोरवेल में गिरा मासूम शिवा सेना और एनडीआरएफ की टीम की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। फतेहाबाद के थाना निबोहरा ग्राम धरियाई में सौ फीट गहरी बोरवेल में गिरे बच्चे को सेना और एनडीआरएफ की टीम के संयुक्त प्रयास से नौ घंटे बाद सुरक्षित निकाल लिया गया। सुबह खेलते समय 7:30 बजे बच्चा बोरवेल में गिरा था। इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया।
आगरा पुलिस-प्रशासन ने सेना और एनडीआरएफ को मदद के लिए बुलाया। सेना ने मोर्चा संभाला और शाम को बच्चे को सकुशल बाहर निकाल लिया। बच्चे की सलामती के लिए ग्रामीण सुबह से दुआ कर रहे थे। महिलाएं गांव में पूजा कर रही थीं। शिवा के बोरवेल के गड्ढे से बाहर निकलते ही गांव में खुशी का माहौल छा गया।
लोगों ने सेना के जवानों की जयकार की और उनकी बहादुरी को सलाम किया। गांव में स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस और चिकित्सकों को तैनात किया गया था। चार साल के मासूम शिवा को बोरवेल से निकालकर सबसे पहले उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। फिलहाल बच्चा चिकित्सकों की देखरेख में हैं।
शिवा के बोरवेल में गिरने की खबर मिलने के बाद मौके पर आसपास के गांव के लोग भी पहुंचे। बोरवेल से सभी को दूर रखा गया, ताकि अंदर मिट्टी न पहुंचे। वहीं मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने बच्चे को ऑक्सीजन देने के लिए पाइप बोरवेल में पहुंचाया। बताया गया है कि पंद्रह दिन पहले इस बोरवेल से पाइप निकालकर छोटेलाल के परिजनों ने दूसरे बोरवेल में डाल दिए थे। लेकिन परिजन इस बोरवेल के गड्ढे को बंद करना भूल गए। सोमवार को हुए हादसे के बाद परिवार में इस बात का मलाल है कि उन्होंने इसे बंद नहीं किया।
मासमू शिवा के बोरवेल में गिरने के बाद मौके सेना की टीम साढ़े ग्यारह बजे पहुंची। सेना ने बारह बजे के करीब बचाव काम शुरू कर दिया। बोरवेल के समानांतर करीब 100 फीट की दूरी पर एक गड्ढा खोदा गया। जिसके समानांतर एक सुरंग बनाई। सेना द्वारा घटनास्थल पर कंट्रोल रूम बनाकर बच्चे की पल-पल की गतिविधियां देखी गईं। दोपहर बाद एनडीआरएफ की टीम भी पहुंच गई। शाम को एनडीआरएफ और सेना की टीम ने बच्चे को बोरवेल से बाहर निकाला।
देशभर में बोरवेल में बच्चों के गिरने की कई घटनाएं घटित हो चुकी हैं। प्रिंस नाम का एक बच्चा जब बोरवेल में गिरा था उसके बाद देशभर में सख्ती से बोरवेल के गड्ढे बंद करने के लिए प्रशासन को निर्देशित किया गया था। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में प्रिंस की घटना के बाद सबक नहीं लिया। आज भी कई क्षेत्रों में बोरवेल खुले पड़े हैं।