नई दिल्ली – केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा है कि अगले तीन वर्षों में 11 प्रमुख शहरों में गंगा का प्रवाह पूर्णतया निर्मल हो जाएगा और इसका पहला चरण अगले वर्ष अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इलाहाबाद में राज्य सरकार और केंद्र सरकार के जल संसाधन मंत्रालय द्वारा नमामि गंगे पर एक संयुक्त प्रस्तुति का अवलोकन करने के बाद सुश्री भारती ने उत्तर प्रदेश सरकार का आह्वान किया कि वह पूरी निष्ठा और गंभीरता के साथ केंद्र सरकार के इस कार्यक्रम में अपना सहयोग दे।
सुश्री उमा भारती ने कहा कि इस पूरे कार्यक्रम को पारदर्शी बनाने के लिए इसके आकलन की जिम्मेदारी नेहरू युवा केंद्र और गंगा वाहिनी पर होगी। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम में गंगा के साथ-साथ उसकी सहयोगी नदियों पर भी बराबर ध्यान दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले महीने की 2 और 3 तारीख को उनका मंत्रालय देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान में पर्यावरण और वन मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, युवा मामलों के मंत्रालय और अर्द्ध सैनिक बलों के साथ गंगा के दोनों किनारों पर उपयोगी वनस्पति और वृक्ष लगाने के कार्यक्रम पर विस्तृत विचार-विमर्श करेगा।
सुश्री भारती ने कहा कि उनके मंत्रालय ने केंद्रीय जल आयोग को आगे से ऐसे किसी भी बांध के निर्माण को मंजूरी नहीं देने का निर्देश दिया है जो नदी के अविरल प्रवाह में बाधा डालता हो। उन्होंने कहा कि गंगा किनारे स्थित 1619 ग्राम पंचायतों में निर्मल गंगा अभियान शीध्र प्रारंभ किया जाएगा जिसमें से 100 गांवों में गंगा ग्राम के नाम से यह योजना तीन महीने के अंदर शुरू हो जाएगी। यह गांव मुख्यतया वे होंगे जो गंगा को सर्वाधिक प्रदूषित करते हैं।
इलाहाबद का उल्लेख करते हुए केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने कहा कि यहां पर नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 1700 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि नगर का कुल सीवर 264 एम एल डी है जिसमें से 224 एम एल डी के लिए क्षमता सृजित की जा चुकी है लेकिन इसमें से फिलहाल 182 एम एल डी का ही इस्तेमाल हो रहा है। मंत्री महोदया ने बताया कि शहर के जो 64 नाले नदी में गिरते थे उनमें से 27 को अब तक टैप किया जा चुका है। बाकी के 37 में से 22 नाले और वर्ष 2018 तक टैप हो जाएंगे। शेष 15 की डी पी आर जल निगम द्वारा भेजी जा रही है। इनमें झूंसी, नैनी तथा फाफामऊ के नाले शामिल हैं। शहर में नदी के तट के विकास के लिए निजी क्षेत्र से सी एस आर के तहत निवेश का भी अनुरोध किया गया है। बाद में मंत्री महोदया ने सलोरी में निर्माणाधीन एक एस टी पी का भी निरीक्षण किया।
कानपुर का उल्लेख करते हुए मंत्री महोदया ने कहा कि यहां पर ई टी पी और एस टी पी का काम वर्ष 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस कार्यक्रम का पहला चरण वर्ष 2016 तक पूरा कर लिया जाएगा। इससे बी ओ डी, सी ओ डी आदि के पैरामीटर मानक अनुसार हो जाएंगे। शहर के ठोस कचरे की समस्या अगले वर्ष तक ठीक कर ली जाएगी। इस पूरे कार्यक्रम पर एक हजार करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे।
वाराणसी की चर्चा करते हुए सुश्री भारती ने कहा कि यहां पर नमामि गंगे के तहत 2100 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे। यहां पर 50 एम एल डी के रमना एस टी पी को पिछले वर्ष मंजूरी दी गई है जिस पर 150 करोड़ रूपये की लागत आयेगी।