इंदौर – आतंक निरोधी दस्ते(एटीएस) ने शनिवार शाम एक टीआई, कांस्टेबल और साथी को गिरफ्तार किया। उनके पास 3 ऑटोमैटिक पिस्टल, 1 कट्टा, 50 से अधिक कारतूस, साढ़े पांच लाख कैश और कार बरामद हुई। आरोपी लंबे समय से तस्करी, हेराफेरी और हथियारों की खरीद-फरोख्त कर रहे थे।
उनके तार प्रदेश के बड़े तस्कर और बदमाशों से जुड़े हुए हैं। पुलिस और खुफिया एजेंसियां उनसे पूछताछ कर रही हैं। आईजी (एटीएस) संजीव शमी को सूचना मिली कि इंस्पेक्टर अभिनव पिता एमके शुक्ला निवासी वंदना नगर बड़े पैमाने पर हथियारों का सौदा कर रहा है। उसका संपर्क मप्र, राजस्थान और यूपी के गैंगस्टर से है।
शनिवार को एसपी रामजी श्रीवास्तव और डीएसपी अजय कैथवास की टीम ने अभिवन शुक्ला को सिपाही विनोद पिता प्रकाश नामदेव निवासी मंदसौर और शैलेंद्र पिता ओमप्रकाश टेंगरिया निवासी मंदसौर सहित गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से हथियार मिले। टीम आरोपियों को लेकर ऑफिस (साकेत नगर) पहुंची और कड़ी पूछताछ की। तीनों ने बताया कि शुक्ला के घर पिस्टल और कट्टे रखे हैं।
फोन सुन रही थी खुफिया एजेंसी पुलिस के मुताबिक, इंस्पेक्टर शुक्ला 1997 बैच का एसआई है। कुछ समय पूर्व ही टीआई बना है। उसकी पोस्टिंग मंदसौर और नीमच के थानों में रही है। करीब 4 महीने पूर्व भावगढ़ थाने में पदस्थ था। इस दौरान शुक्ला ने करोड़ों रुपए कीमती अफीम और गांजा पकड़ा। अफसरों को बताए बगैर लाखों रुपए लेकर छोड़ दिया। इसमें कांस्टेबल विनोद भी शामिल था। पिछले दिनों पुलिस ने प्रतापगढ़ से एक तस्कर को हिरासत में लिया। उसने शुक्ला और विनोद के बारे में चौंकाने वाले खुलासे किए।
गोपनीय रिपोर्ट के बाद डीजीपी सुरेंद्र सिंह ने शुक्ला को थाने से हटाकर पीएचक्यू अटैच कर दिया। एटीएस ने तहकीकात शुरू की और शुक्ला की कॉल रिकॉर्डिंग शुरू कर दी। माफिया को मारने के लिए ऑटोमैटिक पिस्टल शनिवार को कांस्टेबल विनोद ने शुक्ला को कॉल कर पिस्टल की मांग की। बातचीत के बाद विनोद साथी शैलेंद्र के साथ कार (एमपी 14 सीसी 1014) से इंदौर पहुंचा।
चर्चा के मुताबिक, शुक्ला घर से पिस्टल लेकर निकला और तिलक नगर चौराहा पर कार में बैठकर डील करने लगा। इसी दौरान डीएसपी कैथवास ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। मौके पर पलासिया टीआई शिवपालसिंह कुशवाह पहुंचे और तीनों आरोपियों के साथ शुक्ला के घर (वंदना नगर) में दबिश दी। टीम को घर में 2 पिस्टल और एक कट्टा, 50 कारतूस और साढ़े पांच लाख रुपए कैश मिले।
पुलिस ने शुक्ला के घर की पूरी सर्चिंग की। बाहर खड़ी जीप (एमपी 44 डीए 0153) को भी देखा। परिजन से पूछताछ की और पलासिया पुलिस के सुपुर्द कर दिया। गैंगस्टर से मिल रही थी धमकियां पूछताछ में विनोद ने बताया मैं वायडी नगर थाने में पदस्थ हूं। कुछ दिनों पूर्व कुख्यात तस्कर चुन्नाू लाला के भतीजे को मादक पदार्थों की खेप के साथ गिरफ्तार किया था।
इसके बाद माफिया की तरफ से धमकी मिलने लगी। सुरक्षा के लिए मैं इंस्पेक्टर शुक्ला से पिस्टल लेने आया था। उधर, शुक्ला ने धरमपुरी के सिकलीगरों के नाम कबूले हैं। उनसे सस्ते दामों पर पिस्टल व कट्टे लेकर बेच रहा था। पुलिस के मुताबिक, शुक्ला के कई बड़े तस्करों से संबंध हैं। गांजा और अफीम के ट्रक पास करवाता है। तस्करी में उसकी पार्टनरशिप भी है। पुलिस को शक है गिरोह में अन्य पुलिसकर्मी और तस्कर शामिल हैं, जिसकी तस्दीक की जा रही है।